देश में ‘मॉब लिंचिग’ शब्द केंद्र की सत्ता पर मोदी सरकार के काबिज़ होने के बाद चर्चा में आया। विपक्षियों ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार धर्म के नाम पर भीड़ को हत्यारा बना रही है। हालंकि सरकार ने विपक्षियों के इन आरोपों को बेबुनियाद बताया और मॉब लिंचिंग के दोषियों को कड़ी सज़ा देने की बात कही।

लोकिन सरकार की कथनी और करनी में सामानता नज़र नहीं आई। सरकार ने देश की जनता से वादा किया कि वह मॉब लिंचिंग के दोषियों को सज़ा देगी, पर उसके मंत्रियों ने मॉब लिंचिंग के आरोपियों का महिमामंडन करना शुरु कर दिया। बात यहीं नहीं रुकी, सत्तारूढ़ बीजेपी के नेताओं ने जब आरोपियों पर कानूनी शिकंजे को कसता देखा तो उनको बचाने के लिए उनकी हर तरह से मदद भी की।

हम बात मोदी कैबिनेट के मंत्री जयंत सिन्हा की कर रहे हैं। जिन्होंने एक इंटरव्यू में ये माना है कि वह और कुछ दूसरे बीजेपी नेताओं ने लिंचिंग केस के आरोपियों को कानूनी फीस भरने में आर्थिक मदद की है। दरअसल, सिन्हा उस घटना पर अपने रुख को साफ कर रहे थे, जिसमें उन्होंने 2017 में झारखंड में हुई अलीमुद्दीन अंसारी की भीड़हत्या के आरोपियों को माला पहनाकर सम्मानित किया था।

बीबीसी न्यूज हिंदी को दिए इंटरव्यू में सिन्हा ने कहा, “वे (आरोपी) गरीब परिवार से ताल्लुक रखते थे। उनके घरवालों ने आर्थिक मदद करने की दर्ख्वास्त की थी ताकि वे एक काबिल वकील पैरवी के लिए रख सकें। मैं और पार्टी के कुछ दूसरे सदस्यों ने एडवोकेट की फीस भरने में मदद की”।

जयंत सिन्हा के इस बयान से यह तो साफ हो गया है कि बीजेपी के नेता अपनी सियासत को चमकाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। वह चुनाव जीतने के लिए हत्यारोपियों को माला पहना कर सम्मानित भी कर सकते हैं और उन्हें कानूनी शिकंजे से बचाने के लिए खुलकर सामने भी आ सकते हैं।

क्या सिन्हा के इस बयान से मॉब लिंचिंग की वारदात को अंजाम देने वालों का हौसला बुलंद नहीं होगा? क्या वह अपने चुनावी फायदे के लिए पूरे देश को हिंसा और नफ़रत की आग में झोंक देना चाहते हैं?

बता दें कि जून 2017 में झारखंड के रामगढ़ में गोमांस ले जाने के शक में कुछ लोगों ने पशु व्यापारी अलीमुद्दीन अंसारी की पीट-पीटकर बेरहमी से हत्या कर दी थी। इस मामले में रामगढ़ की फास्ट ट्रैक अदालत ने पिछले साल 21 मार्च को 12 आरोपियों में से 11 को आजीवन कारावास की सजा सुनायी थी। इनमें से 9 आरोपियों को जमानत पर रिहा कर दिया गया था।

जयंत ने झारखंड के अपने निर्वाचन क्षेत्र हजारीबाग स्थित अपने आवास पर इन आठ दोषियों का स्वागत फूल माला पहनाकर किया था। इस मामले से जुड़ी तस्वीरें मीडिया में आने के बाद जबर्दस्त हंगामा मचा था और जयंत सिन्हा को सफाई देनी पड़ी थी। यहां तक कि जयंत सिन्हा के पिता और पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने इस घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि वे नालायक बेटे के लायक पिता हैं।

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