पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से ही राज्य से हिंसा की खबरें आ रही हैं। ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी की जीत की घोषणा होते ही उसपर कानून व्यवस्था बिगाड़ने के आरोप लगने लग रहे हैं। लेकिन इनमें से कई आरोप फ़र्ज़ी खबर साबित हो रहे हैं।

इंडिया टुडे के पत्रकार अभ्रो बनर्जी का दावा है कि भाजपा अपने पश्चिम बंगाल के फेसबुक पेज पर उनकी तस्वीर लगाकर फ़र्ज़ी खबर फैला रही है।

पोस्ट में उनका नाम माणिक मोइत्रो बताकर लिखा गया है कि वो बंगाल चुनाव के बाद हुई हिंसा का शिकार हो गए थे।

बनर्जी ने भाजपा पर तंज कस्ते हुए अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर लिखा, “मैं अभ्रो बनर्जी हूँ, ज़िंदा हूँ और स्वस्थ्य हूँ। और मैं सीतलकुची से 1,300 किलोमीटर दूर हूँ।

बीजेपी आईटी सेल अब दावा कर रही है कि मैं माणिक मोइत्रा हूँ, और सीतलकुची में मेरी मौत हुई है। कृपया इन फ़र्ज़ी पोस्टों पर विश्वास न करें और चिंता न करें। मैं दोहराता हूं: मैं (अभी भी) जीवित हूं।”

भाजपा ने बुधवार को चुनाव के बाद हुई कथित हिंसा का एक वीडियो जारी किया था। इसी में इंडिया टुडे के पत्रकार को हिंसा का पीड़ित बताया गया था।

इससे पहले भी भाजपा ने बंगाल हिंसा के 9 पीड़ितों के नाम जारी किए थे जिसमें माणिक मोइत्रा का भी नाम था।

हालाँकि, तब उसकी पहचान नहीं हुई थी। भाजपा ने अब माणिक की पहचान की, वो भी फ़र्ज़ी। भाजपा ने इस वीडियो को अपने पश्चिम बंगाल के फेसबुक पेज से हटा लिया है।

भाजपा शासित राज्यों में तो पत्रकारों को कथित तौर पर फेक न्यूज़ फैलाने के लिए गिरफ्तार कर लिया जाता है। अब जब भाजपा खुद ही पत्रकार पर फेक न्यूज़ फैला रही है, तो क्या उसपर कोई कार्यवाई होगी?

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