आज पंजाब में कुछ प्रदर्शनकारियों की वजह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक फ्लाईओवर पर फंस गए थे। इसके बाद मोदी को पंजाब के अपने सभी कार्यक्रमों को रद्ध करना पड़ा। इस घटना को पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक बताया जा रहा है। साथ ही पंजाब की कांग्रेस सरकार पर पीएम को पुख्ता सुरक्षा ना देने का आरोप भी लगाया जा रहा है।
सोशल मीडिया से लेकर मेनस्ट्रीम मीडिया तक पर तरह-तरह की कॉन्सपिरेसी थ्योरी गढ़ी जा रही है। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी के उस बयान पर काफी चर्चा हो रही है, जिसमें उन्होंने खुदे के जिंदा बच जाने की बात कही।
दरअसल, कार्यक्रम रद्ध होने के बाद प्रधानमंत्री मोदी बठिंडा एयरपोर्ट पहुंचे जहां उन्होंने एयरपोर्ट के अधिकारियों से कहा- अपने मुख्यमंत्री को मेरा शुक्रिया कहना कि मैं बठिंडा एयरपोर्ट तक जिंदा पहुंच सका।
इस पूरी घटना और प्रधानमंत्री के बयान पर निराशा जताते हुए करते हुए पत्रकार पीयूष बबेले ने लिखा है, ”सिर्फ 15 मिनट फ्लाईओवर पर फंसने के बाद देश के प्रधानमंत्री ने कहा: जिंदा बच गए यह बहुत बड़ी बात है। लाल बहादुर शास्त्री, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी जैसे प्रधानमंत्रियों ने देश पर अपनी जान गवां दी मगर किसी से एक सवाल नहीं किया। महात्मा गांधी के देश में ऐसी कायरता शोभा नहीं देती।”
सिर्फ 15 मिनट फ्लाईओवर पर फसने के बाद देश के प्रधानमंत्री ने कहा: जिंदा बच गए यह बहुत बड़ी बात है। लाल बहादुर शास्त्री, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी जैसे प्रधानमंत्रियों ने देश पर अपनी जान गवां दी मगर किसी से एक सवाल नहीं किया। महात्मा गांधी के देश में ऐसी कायरता शोभा नहीं देती।
— piyush babele (@BabelePiyush) January 5, 2022
बता दें कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पंजाब के फिरोजपुर में एक रैली को संबोधित करने वाले थे। इस दौरान वो फिरोजपुर में कई विकास परियोजनाओं की नींव रखने वाले थे। साथ ही हुसैनीवाला शहीद स्मारक भी जाने वाले थे।
मौसम खराब होने की वजह से प्रधानमंत्री ने हेलिकॉप्टर की जगह सड़क मार्ग से दौरा करने का कार्यक्रम बनाया था। लेकिन रास्ते में प्रदर्शनकारियों के विरोध के बाद पीएम मोदी को दौरा रद्ध करना पड़ा।
हुसैनीवाला के राष्ट्रीय शहीद मेमोरियल से 30 किलोमीटर पहले जैसे ही पीएम मोदी का काफिला फ्लाईओवर पर पहुंचा तो वहां कुछ प्रदर्शनकारियों ने सड़क को जाम कर रखा था। इस दौरान पीएम मोदी वहां 15-20 मिनट तक फंसे रहे।
प्रधानमंत्री के काफिले में आयी अड़चन को सुरक्षा में चूक बताया जा रहा है। क्योंकि नियमों के अनुसार, पंजाब की कांग्रेस सरकार को पहले से जरूरी व्यवस्था करनी चाहिए थी। इस मामले में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है।