केंद्र में सत्तारूढ़ मोदी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में देश की जनता के अच्छे दिन लाने का वादा किया था। वही अपने दूसरे कार्यकाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के युवाओं के लिए ढाई करोड़ रोजगार पैदा करने की बात कही थी। ना तो आज तक लोगों के लिए अच्छे दिन आए हैं और ना ही रोजगार।
इस वक्त देश में बेरोजगारी का आलम यह है कि ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन कर चुके युवा चपरासी की नौकरी करने के लिए मजबूर हो रहे हैं।
इस कड़ी में पत्रकार अजीत अंजुम ने एक खबर को ट्विटर पर शेयर किया है। जिसके मुताबिक, पानीपत कोर्ट में चपरासी की नौकरी के लिए 12670 दावेदार सामने आए हैं। जिनमें से कई इंजीनियर भी हैं।
इस खबर को शेयर करते हुए उन्होंने ट्वीट में लिखा है कि “चपरासी के 13 पद। आवेदक – 14871, एमएससी, एमकॉम के साथ कई इंजीनियर भी भीड़ में।
वादे के मुताबिक हर साल करोड़ दो करोड़ नौकरियां दे दी होती। तो ये नौबत न आती। ये युवा पकौड़ा तलने को तैयार नहीं।”
चपरासी के 13 पद
आवेदक – 14871
एमएससी, एमकॉम के साथ कई इंजीनियर भी भीड़ में
वादे के मुताबिक हर साल करोड़ दो करोड़ नौकरियां दे दी होती तो ये नौबत न आती .
ये युवा पकौड़ा तलने को तैयार नहीं pic.twitter.com/EklwsmIVz8— Ajit Anjum (@ajitanjum) February 20, 2021
दरअसल इस नौकरी के लिए जबकि न्यूनतम योग्यता आठवीं पास मांगी गई थी। बताया जाता है कि यह अस्थाई नौकरी है।
जिसके लिए 18 से 23 फरवरी तक जजों की कमेटी इंटरव्यू ले रही है। इंटरव्यू के पहले ही दिन इतनी भारी तादाद में आवेदक पानीपत कोर्ट में पहुंचे कि लोग भी देख कर हैरान हो गए।
आपको बता दें कि बीते साल कोरोना महामारी की वजह से लाखों लोगों के रोजगार छिन चुके हैं और इस वजह से देश में बेरोजगारी काफी बढ़ चुकी है।
बेरोजगारी की वजह से लोग भारी गरीबी का सामना कर रहे हैं। वहीं अब मोदी सरकार द्वारा बढ़ाई जा रही महंगाई भी लोगों की कमर तोड़ रही है। पेट्रोल, डीजल के साथ गैस सिलेंडर के दाम भी बढ़ा दिए गए हैं। जिससे देश की जनता की परेशानियां और भी बढ़ चुकी हैं।