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अनुच्छेद 370 को हटे एक महीना से भी ज़्यादा का समय हो चुका है, लेकिन जम्मू-कश्मीर में अभी भी हालात सामान्य नहीं हुए हैं। वहां अभी भी कई तरह के प्रतिबंध लगे हुए है। केंद्र सरकार के दावों के उलट जम्मू-कश्मीर में लोगों को प्रताड़ित किए जाने की ख़बरें भी लगातार सामने आ रही हैं।

अब अंतर्राष्ट्रीय समाचार एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस ने कश्मीर के हालात को लेकर एक रिपोर्ट की है। इस रिपोर्ट में स्थानीय लोगों के हवाले से बताया गया है कि वहां तैनात सुरक्षाकर्मी युवाओं और बुज़ुर्गों को बिजली के झटके देकर उनकी बेरहमी से पिटाई कर रहे हैं और उन्हें गंदा खाना खाने और गंदा पानी पीने के लिए मजबूर कर रहे हैं।

तकरीबन 50 कश्मीरियों ने एजेंसी से अपना दर्द साझा करते हुए कहा कि सुरक्षाकर्मी उनके खाने की सप्लाई में ज़हर दे रहे हैं या उनके मवेशियों को मार दे रहे हैं। इसके साथ ही उनकी महिला रिश्तेदारों को ले जाकर उनसे शादी करने की धमकी दे रहे हैं।

नल-साज़ी का काम करने वाले 50 वर्षीय बशीर अहमद डार ने न्यूज़ एजेंसी को बताया कि 370 हटाए जाने के कुछ दिनों बाद 10 अगस्त को दक्षिणी कश्मीर स्थित उनके घर में जबरन सैनिक घुस गए। जिसके बाद सैनिकों ने उनकी बेरहमी से पिटाई की। पीड़ित ने बताया कि सेना द्वारा उसे 48 घंटों में दो बार बुरी तरह पीटा गया।

डार ने बताया कि सेना के लोगों ने उनसे कहा कि वह अपने छोटे भाई को खोज लें, जो इस क्षेत्र में भारत की उपस्थिति का विरोध करने वाले विद्रोहियों में शामिल हो गया था, और उसे आत्मसमर्पण करने के लिए राज़ी करे नहीं तो दुष्परिणाम का सामना करे।

डार के मुताबिक, दूसरी शिफ्ट में उसकी पिटाई एक सैन्य शिविर में की गई। तीन सैनिकों द्वारा उन्हें डंडे से तब तक मारा गया जब तक वह बेहोश नहीं हो गए। जिसके बाद उन्हें घर में होश आया। उन्होंने बताया कि उन्हें इतनी बुरी तरह से पीटा गया था कि वह सही से बैठ तक नहीं पा रहे थे।

डार ने बताया कि प्रताड़ना का सिलसिला यहीं ख़त्म नहीं हुआ, 14 अगस्त को सैनिक उनके घर फिर लौटे और उनके खाने सामान में खाद और मिट्टी का तेल डालकर उसे बर्बाद कर दिया। सेना की ऐसी प्रताड़ना का शिकार अकेले बशीर अहमद डार नहीं हैं। एसोसिएटेड प्रेस ने अपनी रिपोर्ट में तकरीबन 50 लोगों से बातचीत की। सभी ने सेना की प्रताड़ना के अपने-अपने किस्से सुनाए।

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