मोदी सरकार में देश की लगातार गिरती अर्थव्यवस्था सुधरने का नाम नहीं ले रही है। देश की जीडीपी अपने सबसे न्यूनतम स्तर 4.5 प्रतिशत पर लुढ़क गया है। लगातार छोटी बड़ी कंपनियां खुद को दिवालिया बता बंद होने के कगार पर आ चुकी है। बता दे की टेलिकॉम कंपनियों की भी हालत ठीक नहीं है। कर्ज का बोझ इतना बढ़ चुका है कि उनका संचालन मुश्किल हो चुका है।

फिलहाल मौजूदा दौर में टेलिकॉम सेक्टर की हालत का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वोडा आइडिया के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला ने कहा कि ‘अगर कंपनी को सरकार मदद उपलब्ध नहीं कराती है तो यह बंद हो सकती है’। उन्होंने साफ-साफ कहा कि वह इस कंपनी में और ज्यादा पैसा निवेश नहीं करने वाले हैं।

दरअसल बिड़ला ने मीडिया से एक कार्यक्रम में कहा, ‘मैं पहले ही कह रहा हूं कि अर्थशास्त्री नहीं हूं लेकिन मुझे लगता है कि हम रसातल के करीब पहुंच गये हैं। अभी अर्थव्यवस्था के लिये सरकार की तरफ से बड़े स्तर पर रोजकोषीय प्रोत्साहन देने की जरूरत है। वहीं कंपनी के चेयरमैन बिड़ला ने कहा- ‘मदद नहीं मिलने पर दिवालिया का विकल्प चुनना पड़ेगा’।

आपको बता दे की रिलायंस जियो के आने के बाद बाकी कंपनियों को टैरिफ वॉर में घाटा उठाना पड़ रहा है। वहीं जुलाई-सितंबर तिमाही में वोडाफोन-आइडिया को 50,921 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। यह किसी भारतीय कंपनी का एक तिमाही में सबसे बड़ा नुकसान है।

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