लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सबको चौंकाते हुए अपने इस्तीफे की पेशकश कर दी है। इस्तीफे की पेशकश उन्होंने शनिवार को पार्टी की बैठक में की।

ममत बनर्जी ने कहा कि अब वह राज्य की मुख्यमंत्री नहीं रहना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि वे पार्टी की प्रमुख तो रहेंगी लेकिन सीएम नहीं रहना चाहती। उन्होंने अपने इस्तीफे की पेशकश लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी के खराब प्रदर्शन और बीजेपी के पश्चिम बंगाल में फैलाव के मद्देनज़र की।

हालांकि टीएमसी के सभी नेताओं ने ममता बनर्जी के इस फैसले पर असहमति जताई है। जिसके चलते बाद में उन्हें अपना फैसला वापस लेना पड़ा। ममता बनर्जी ने बाद में कहा कि पार्टी चाहती है कि वे सीएम बनी रहें इसलिए वह इस पदभार को अभी संभालेंगी।

ममता बनर्जी ने कहा कि केंद्रीय बलों ने हमेशा हमारे खिलाफ काम किया है। राज्य में आपातकाल जैसी स्थिति बनाई गई। सांप्रदायिक भेदभाव को बढ़ाया गया। ऐसा कर वोटों को बांटा गया। हमने चुनाव आयोग से भी इस बात की शिकायत की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।

गौरतलब है कि टीएमसी प्रमुख ने लोकसभा चुनावों में पार्टी के खराब प्रदर्शन को लेकर अपने ही आवास पर वरिष्ठ नेताओं की बैठक बुलाई थी। इस दौरान पार्टी की राज्य में गिरती साख पर चर्चा की गई और इसी दौरान ममता ने यह सभी बातें कहीं।

बता दें कि टीएमसी को लोकसभा चुनावों में 42 में से 22 सीटें ही मिलीं। जबकि 2014 में पार्टी को 34 सीटें मिली थीं। वहीं बीजेपी का प्रदर्शन इन लोकसभा चुनावों में ऐतिहासिक रहा, पार्टी को 18 सीटें मिलीं, जबकि 2014 में भाजपा को केवल दो ही सीट मिली थीं।

पार्टी के खराब प्रदर्शन के बाद ममता बनर्जी द्वारा की गई इस्तीफे की पेशकश के बाद अब कांग्रेस के नेतृत्व पर भई सवाल उठने लगे हैं। खासतौर पर मध्य प्रदेश में कांग्रेस के बेहद खराब प्रदर्शन के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ के नेतृत्व पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। लोग सवाल कर रहे हैं कि क्या पार्टी के खराब प्रदर्शन की ज़िम्मेदारी लेते हुए कमलनाथ भी इस्तीफा देंगे?

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