दिल्ली पुलिस ने करीब तीन साल पहले जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में कथित देशविरोधी नारेबाज़ी के मामले में पटियाला हाउस कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की है। ये चार्जशीट सेक्शन-124 A, 120B, 323, 465, 471, 143, 149, 147 के तहत पेश की गई है।

चार्जशीट में कुल 10 लोगों को मुख्य आरोपी बनाया गया है, जिनमें जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार, सैयद उमर ख़ालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य का नाम शामिल है। चार्जशीट में कश्मीर के रहने वाले सात छात्रों आकिब हुसैन, मुजीब हुसैन, मुनीब हुसैन, उमर गुल, रईस रसूल, बशरत अली, खालिद बशीर भट के नाम भी हैं।

वहीं, इस चार्जशीट में 36 अन्य लोगों को भी आरोपी बनाया गया है, जिनमें शहला राहिश का नाम भी शामिल है। हालांकि इन 36 लोगों के खिलाफ़ पुलिस को कोई पुख़्ता सबूत नहीं मिले हैं। चार्जशीट में मामले के गवाहों के बयान सीआरपीसी की ऐसी धारा के तहत दर्ज किए गए हैं कि बयान से पलटने पर उन्हें सज़ा मिल सकती है।

गवाहों के हवाले से चार्जशीट में बताया गया है कि कन्हैया कुमार ने भी देश विरोधी नारे लगाए थे। पुलिस को कन्हैया का भाषण देते हुए एक वीडियो भी मिला है। इसके साथ ही कहा गया है कि कन्हैया को पूरे कार्यक्रम की पहले से जानकारी थी।

तीन साल पुराने इस मामले में लोकसभा चुनाव से ठीक पहले चार्जशीट दाखिल किए जाने पर सवाल भी उठने लगे हैं। पत्रकार मानक गुप्ता ने ट्वीट कर लिखा, “चुनाव से ठीक पहले…अचानक JNU मामले में दिल्ली पुलिस की चार्जशीट तैयार हो गयी है. 2019 का एक और मुद्दा भी तैयार है- देशभक्त Vs देशविरोधी…”

बता दें कि 9 फरवरी 2016 में जेएनयू कैंपस में अफजल गुरु की फांसी के विरोध में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जिसमें कथित तौर पर देश विरोधी नारे लगाए गए थे।

इस मामले में दिल्ली पुलिस ने कन्हैया कुमार, उमर खालिद, और अनिबर्न भट्टाचार्य के खिलाफ केस दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार भी किया था। लेकिन बाद में सभी आरोपियों को दिल्ली हाईकोर्ट से सशर्त जमानत मिल गई थी।

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