मेनका गांधी अपने भाषणों से लगातार भारतीय जनता पार्टी की पोल खोल रही हैं। पहले उन्होंने वोट के लिए मुस्लिमों को धमकी दी और अब एक नया अजीबोगरीब बयान दिया है।
मेनका गाँधी का कहना है की चुनाव के बाद गांवों को अलग-अलग श्रेणियों में बांटा जाएगा। ध्यान देनी वाली बात ये है कि ये श्रेणी इस आधार पर होगी कि इन गांवों ने चुनाव में भाजपा को कितने वोट दिए हैं। जितने ज़्यादा वोट, उतनी अच्छी गांव की ग्रेडिंग।
विस्तार से समझिए-
मेनका गांधी ने उत्तर प्रदेश पीलीभीत में चुनाव प्रचार के दौरान कहा कि जो गांव भाजपा को 80 प्रतिशत से ज़्यादा वोट देंगे, उन्हें A ग्रेड दिया जाएगा। इसी तरह 60 प्रतिशत देने वाले गांव को B और 50 प्रतिशत या उससे कम भाजपा को वोट देने वाले गांवों को C और D ग्रेड दिया जाएगा। ये ग्रेड इसीलिए महतवपूर्ण हैं क्योंकि इस ग्रेड के हिसाब से ही गांवों को विकास कार्य के लिए प्राथमिकता दी जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रशांत भूषण ने मेनका गांधी के इस विवादास्पद बयान की आलोचना की है। उन्होनें ट्वीट किया है कि, ‘और उन गावों का क्या जो बीजेपी को 25 प्रतिशत से कम वोट देंगे? क्या आप उन गावों को पाकिस्तान का हिस्सा घोषित कर देंगे?’
And what about those which give <25% votes to BJP? Will you declare those villages to be part of Pakistan? Sometimes bhakti can cause serious brain damage https://t.co/YbgymNLU8q
— Prashant Bhushan (@pbhushan1) April 16, 2019
प्रशांत भूषण का ये सवाल पूछना जायज़ भी है। क्योंकि लोकतंत्र में मतदाता चाहे किसी को भी वोट करे लेकिन चुने हुए प्रतिनिधी का ये फ़र्ज़ है कि वो बिना किसी भेद-भाव के अपने क्षेत्र के हर व्यक्ति के लिए विकास कार्य करें।
ये पहली बार नहीं है जब मेनका गाँधी ने इस तरह का आपत्तिजनक बयान दिया हो। इससे पहले उन्होनें कहा था कि अगर मुस्लिम उन्हें वोट नहीं देंगे तो वो उन्हें नौकरियां नहीं देंगी। और इस बार उन्होंने कहा है कि जो गांव भाजपा को ज़ादा वोट देगा उसका ज्यादा विकास होगा। एक महिला एवं बाल विकास मंत्री से इस तरह के बयानों कि उम्मीद नहीं होती है।
सवाल उठता है कि इस तरह के भेद-भाव और धमकी वाले भाषणों के लिए चुनाव आयोग मेनका गांधी पर कार्रवाई क्यों नहीं करता? जो लोग चुनाव से पहले ही इस तरह कि बातें कर रहे हैं, तो वो चुनाव के बाद क्या करेंगे?