महिलाओं के शरीर को युद्ध का मैदान समझने की मध्यकालीन प्रवृति भारतीय मर्दों ने अपने भीतर बड़े जतन से सहेज कर रखा है। इन्हें अब भी यह भ्रम है कि महिलाओं की कथित इज्जत उनके जस्म से चिपकी है जिसे उघारकर ये उन्हें नीचा दिखा सकते हैं।

15वीं सदी में अपनी बुद्धि छोड़ आए इन मर्दों को कौन समझाए कि महिलाएं रूढ़ियों के इस खेल से बहुत हद तक मुक्ति पा चुकी हैं। और कई तो इस स्तर पर पहुंच चुकी हैं कि मर्दों को लेने के देने पड़ जा रहे हैं।

हाल ही में लेने के देने पड़े हैं 21 वर्षीय विशाल झा को। विशाल झा को मुंबई पुलिस ने बेंगलुरु से गिरफ्तार किया है। आरोप है वो अपनी एक साथी के साथ मिलकर मुस्लिम महिलाओं की तस्वीर को इंटरनेट पर नीलाम करता था। जिस ऐप के जरिए मुस्लिम महिलाओं की अपमानजनक और छेड़छाड़ की गई तस्वीरों को नीलाम किया जाता था उसका नाम है- Bulli Bai. बुल्ली बाई ऐप को होस्टिंग प्लेटफॉर्म गिटहब के जरिए संचालित किया जा रहा था।

बुल्ली बाई ऐप का पूरा विवाद नए साल के पहले दिन शुरू हुआ, जब कई मुस्लिम महिलाओं ने खुद को इस ऐप पर ‘नीलामी’ के लिए पाया। इस ऐप के जरिये ज्वलंत सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर मुखर रहने वाली मुस्लिम महिलाओं को निशाना बनाया गया। ऐप में ‘नीलामी’ के लिए डाली गई महिलाओं की तस्वीरों में जानी-मानी पत्रकार, कार्यकर्ता और वकील शामिल थीं।

बुल्ली बाई ऐप की तरह कुछ माह पहले सुल्ली डील्स भी विवादों में आया था। उसमें भी ट्रोल्स द्वारा मुस्लिम महिलाओं के लिए अपमानजनक टर्म का इस्तेमाल किया जाता था। सुल्ली डील्स में महिलाओं की तस्वीर डालकर ‘डील ऑफ द डे’ लिखा जाता था। वह ऐप भी गिटहब द्वारा ही होस्ट किया गया था।

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