आजमगढ़ में गठबंधन की सयुंक्त रैली हुई। आज़मगढ़ से खुद सपा अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव मैदान में हैं। इस रैली में बसपा प्रमुख मायावती ने बड़ा बयान देते हुए सभा में आई जनता से कहा कि, “आज़मगढ़ से अखिलेश यादव चुनाव नहीं लड़ रहे हैं, बल्कि यहाँ से मैं चुनाव लड़ रही हूँ।”

मायावती द्वारा की गई ये अपील अबतक की गठबंधन के लिए सबसे बड़ी और महत्वपूर्ण अपील है। मायावती की इस अपील से निसंदेह आज़मगढ़ के दलित वोटर्स हैं जो इस अपील के बाद अखिलेश यादव को वोट करेंगे। इसीलिए बसपा प्रमुख ने ये बात मंच से कही है।

बता दें कि मायावती द्वारा ये अपील करने की वजह भी बड़ी है। आज़मगढ़ में जातीय समीकरण को देखें तो वहां यादवों और दलितों के बाद सबसे ज्यादा आबादी मुसलमानों की हैं। लेकिन फिर भी बीजेपी ने अखिलेश यादव के सामने भोजपुरी अभिनेता निरहुआ को मौदान में उतरा है जो इस जातीय समीकरण को भेदकर अखिलेश को चुनौती देते नजर आ रहे हैं।

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आज़मगढ़ की जनसभा को संबोधित करते हुए मायावती ने आज़मगढ़ से अखिलेश यादव के साथ ही लालगंज से बसपा की महिला प्रत्याशी संगीता आजाद को भी जीतने की अपील की। उन्होंने कहा किआज़मगढ़ सदर लोकसभा सीट से फुट डालो और राज कारो की नीति के तहत निरहुआ को प्रत्याशी बनाया है।

मुझे अपने कार्यकर्ताओं पर पूरा भरोसा है कि आप सभी अखिलेश यादव को यहां से जिताएंगे। प्रदेश में पांच चरणों के वोट पड़ चुके हैं। इस बार चुनाव में यहां हमारे लोग नमो-नमो की छुट्टी कर देंगे। आज़मगढ़ में 12 मई को वोट डाले जाएंगे।

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