उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले विकास के नाम पर राजनीति तेज हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गंगा एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास करते हुए लिखा- “आज यूपी में एक्सप्रेस-वे का जो जाल बिछ रहा है, जो नए एयरपोर्ट बनाए जा रहे हैं, नए रेलवे रूट बन रहे हैं, वो लोगों के लिए अनेक वरदान एक साथ लेकर आ रहे हैं।”

 

इसपर प्रतिक्रिया देते हुए बसपा प्रमुख मायावती ने दावा किया है कि गंगा एक्सप्रेस-वे उनके कार्यकाल की परियोजना है, जिसे आगे की सरकारों ने किस्तों में शिलान्यास करके चुनावों में भुनाया है।

उन्होंने ट्विटर पर लिखा-

 

“बीएसपी सरकार नोएडा से बलिया तक 8-लेन के गंगा एक्सप्रेस-वे के जरिए दिल्ली को पूर्वांचल से सीेधे जोड़कर बाढ़ के साथ-साथ क्षेत्र की गरीबी, पलायन व बेरोजगारी आदि की समस्या को दूर करने का प्रयास कर रही थी, लेकिन तब कांग्रेस, भाजपा व सपा इन सभी ने इसमें अड़ंगा लगाया व विरोध भी किया।”

एक अन्य ट्वीट में उन्होंने आगे लिखा-

“इसके बाद यूपी में सपा व अब भाजपा की डबल इंजन की सरकार के भी 5 वर्ष अर्थात् कुल 10 वर्ष बीतने के बाद अब विधान सभा आम चुनाव के नजदीक गंगा एक्सप्रेस-वे को टुकड़ों में बांटकर इसका शिलान्यास हुआ है। ऐसी स्वार्थी राजनीति से जनता को कब तक छला जाएगा? चुनाव में जन सावधनी जरूरी।”

 

दरअसल बसपा प्रमुख मायावती का ये बयान तब आया है जब भाजपा और सपा की तरफ से एक्सप्रेस-वे पर जमकर राजनीति हो रही है।

जहां अखिलेश यादव दावा कर रहे हैं कि उन्होंने विश्वस्तरीय लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे बनवाया है, वहीं योगी आदित्यनाथ पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का क्रेडिट ले रहे हैं।

हालांकि इससे पहले भी मायावती ने प्रतिक्रिया देते हुए इस मामले में खुद को सबसे आगे बताया था। क्योंकि सबसे पहले नोएडा-आगरा यमुना एक्सप्रेस-वे उनके कार्यकाल में बनवाया गया था।

इसमें कोई संदेह नहीं है कि विकास कार्यों के नाम पर जमकर राजनीति हो रही है मगर योगी आदित्यनाथ, अखिलेश यादव और मायावती के इन दावों को मुख्यमंत्री पद की दावेदारी से जोड़कर देखा जा रहा है मगर नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री होकर भी जिस तरह से सभी कार्यों का क्रेडिट लेना चाह रहे हैं उससे उन्हें ‘भाजपा का प्रचार मंत्री’ बताया जा रहा है।

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