जब यूपी के बुलंदशहर को उग्र भीड़ जला रही थी। जब कथित गो-रक्षक पुलिसकर्मी को अपना शिकार बना रहे थे। तब भारत का गोदी मीडिया हर रोज की तरह हिंदू-मुस्लिम डिबेट कर रहा था। मीडिया असली हिंदू और नकली हिंदू का फर्क बता रहा था।

इसमें कोई संदेह नहीं कि इस तरह के डिबेट शो खास राजनीतिक पार्टी को फायदा पहुंचाने के लिए किया जाता है। लेकिन इस कम्युनल राजनीति और गोदी पत्रकारिता का भुगतान देश की आम जनता को करना पड़ रहा है। क्या बुलंदशहर में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या नेताओं के नफरती भाषण और गोदी मीडिया की दंगाई पत्रकारिता का नतीजा नहीं है?

इंस्पेक्टर सुबोध की बहन का आरोप- अखलाक केस में जांच अधिकारी था मेरा भाई, इसलिए उसे साज़िश के तहत मार दिया गया

3 दिसंबर की शाम जब इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या की जा चुकी थी, तब मीडिया इन मुद्दों पर डिबेट कर रहा था।

– चुनाव प्रचार में अब तेरा मेरा हिंदुत्व या राजनीति की पर्सनल फाइट?

– राजस्थान विधानसभा चुनाव: ‘हिंदुत्व ज्ञान’ से जीतेंगे चुनावी घमासान?

– योगी माँगें ओवैसी मुक्त भारत!

– मोदी-योगी को धमकाएंगे, मुस्लिमों का वोट पाएंगे ?

सोशल मीडिया पर भी लोगों ने इस मामले पर प्रतिक्रिया दी है। एक यूज़र ने लिखा इंस्पेक्टर सुबोध सिंह की हत्या में गोदी मीडिया भी बराबर का शरीक है।

एक और यूज़र ने सीएम योगी को नसीहत देते हुए लिखा योगी जी शहीद SHO सुबोध सिंह का नाम बदलकर सुहेब अहमद रख दो मामला खत्म।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here