दिल्ली पुलिस के इतिहास में पहली बार हुआ है कि पुलिस के जवान दिल्ली पुलिस मुख्यालय के बाहर धरना-प्रदर्शन करके खुद के लिए न्याय मांग रहे हैं। पुलिसकर्मियों ने हाथों में काली पट्टी बांध रखी है और आरोपी वकीलों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

अब इस मामले पर पत्रकार रोहिणी सिंह ने ट्विटर पर लिखा- ‘ज़रा सोचिए क्या होता अगर UPA सरकार के राज में दिल्ली पुलिस विरोध प्रदर्शन करती और अपना काम ना करती.

हमारा मीडिया इस मामले में और राजधानी में हो रही अराजकता के लिए गृहमंत्री को ज़िम्मेदार ठहराता. लेकिन अभी ‘मज़बूत’ मोदी सरकार है इसलिए सब ठीक है.’

मोदी सरकार में दिल्ली पुलिस के इतिहास में पहली बार हुआ है कि पुलिस के जवान दिल्ली पुलिस मुख्यालय के बाहर धरना-प्रदर्शन करके खुद के लिए न्याय मांगते-मांगते रो दे रहे हैं रहे हैं।

वो कह रहे हैं हमने पिटने के लिए ये पुलिस की नौकरी नहीं ज्वाइन की थी। आईटीओ स्थित मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे पुलिसकर्मियों ने कहा कि, “हमें न्याय चाहिए, हमें असुरक्षा का एहसास हो रहा है।”

दिल्ली पुलिस के जवानों से मारपीट मामले में अब हरियाणा पुलिस एसोसिएशन, बिहार और तमिलनाडू पुलिस एसोसिएशन तक आ गए हैं।

लेकिन खुद गृह मंत्री अमित शाह और उनके दो राज्यमंत्री का अभी तक बयान नहीं आया है। कांग्रेस, सपा, राजद की सरकारों के कार्यकालों को जंगलराज बताने वाले गृह मंत्री अमित शाह चुप्पी साधे बैठे हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here