लोकसभा चुनावों में प्रचंड बहुमत मिलने के बाद बीजेपी नेताओं का घमंड सांतवें आसमान पर है। सत्ता के नशे चूर बीजेपी नेता न तो अधिकारियों को कुछ समझ रहे हैं और न ही पत्रकारों को। बीजेपी के विधायक अधिकारियों को सरेआम पीटते नज़र आ रहे हैं तो इस गुंडागर्दी पर सवाल उठाने वाले पत्रकार बीजेपी के वरिष्ठ नेता से गालियां खाते दिखाई दे रहे हैं।
मगर पत्रकार इन सबके बावजूद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी में आस्था दिखाए हुए हैं। ये पत्रकार न तो प्रधानमंत्री से सवाल पूछ रहे हैं और न ही किसी बीजेपी नेता और मंत्री से।
इसको ऐसे भी समझा जा सकता है कि जब देश के बड़े पत्रकार बीजेपी नेताओं से सवाल नही करते तो, ऐसे में एकाएक इन नेताओं के सामने कड़ा सवाल आने पर वो असहज हो जाते हैं। इस असहजता में वो पत्रकारों को गालियां देकर उनकी औकात बताने लगते हैं।
इन सबके बावजूद टीवी चैनल और उसमें काम करने वाले पत्रकार दिन-रात प्रोपगेंडा फैलाने में लगे हुए हैं। एक बार फिर ये टीवी एंकर मोदी सरकार दो में वही कश्मीर-हुर्रियत, विपक्ष, बंगाल, राम, मंदिर करने में लगे हुए हैं। लेकिन जब पत्रकारों बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय उनको उनकी औकात बताने लगते हैं तब भी ये पत्रकार और टीवी चैनल चुप रहते हैं। मानो ये पत्रकार कुछ कहना चाहते हों लेकिन किसी बोझ तले दबे होने के कारन वो कुछ बोल नही पा रहे है।
जब पत्रकरों को उनकी हैसियत बताने वाले कैलाश विजयवर्गीय से इन पत्रकारों को सवाल करने चाहिए, तब ये पत्रकार “हुर्रियत को शाह और मात?” नाम से ‘दंगल’ कार्यक्रम कर रहे हैं। ‘यूपी में प्रयोग फेल? बंगाल में होगा विपक्ष का मेल’ कार्यक्रम करके विपक्ष को घेर रहे हैं। पत्रकारों को उनकी हैसियत बता दी गई। तो क्या पत्रकारों का कोई अधिकार और ज़मीर नहीं है? क्या पत्रकारों को कैलाश से इसपर सवाल नहीं पूछने चाहिय? जिस जनता और मीडिया ने कैलाश जैसे नेताओं को सत्ता तक पहुंचाया है वो नेता कसी पत्रकारों को उनकी हैसियत बता सकते हैं?
साफ़ है कि इन सभी टीवी कार्यक्रमों के जरिए अभी भी टीवी मीडिया बीजेपी और सरकार के लिए काम कर रहा है। ऐसे कार्यक्रम करके वो बता राह है कि उनके लिए क्या जरुरी है। इन पत्रकारों और टीवी मीडिया को उनकी हैसियत बताने पर भी उनको चोट नहीं लगाती बल्कि वो तो और मुस्तैदी से सरकार के काम में लगे हुए हैं।
दरअसल, बीजेपी के महासचिव और बंगाल के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय के विधायक बेटे आकाश विजयवर्गीय ने इंदौर के भरे बाज़ार में नगर निगम अधिकारी को क्रिकेट बैट से दौड़ा-दौड़ा कर पीट दिया। इस मामले का जब वीडियो सामने आया तो इसपर सवाल उठने लगे। लेकिन जब उनके पिता कैलाश से आकाश की गुंडागर्दी का सवाल पूछा गया तो उन्हें ये इतना नागवार ग़ुज़रा कि वह पत्रकार पर ही बरस पड़े।
न्यूज़ 24 के पत्रकार ने बीजेपी महासचिव से पूछा था कि क्या विधायक को कानून को हाथ में लेने का अधिकार है? क्या विधायक किसी अधिकारी को बल्ले से पीट सकता है?
पत्रकार ने कहा कि विधायक की ये हरकत शर्मनाक है आपको इसकी निंदा करनी चाहिए।
पत्रकार के इन सवालों पर बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय भड़क गए और उल्टे पत्रकार पर ही हमला करने लगे।
कैलाश ने पत्रकार से कहा कि, “Who Are You? आपकी औकात क्या है? जो आप एक विधायक पर सवाल उठा रहे हैं। आप कोई जज नहीं हैं जो फैसला सुना रहे हैं।