नेताओं के बहुरूपिया बयानों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हकीकत में बदल दिया है। देश का प्रधानमंत्री बनने से पहले मोदी कहते थे, “बहुत हुई पेट्रोल-डीजल की मार, अबकी बार मोदी सरकार।” लेकिन अब देश के इतिहास में पहली बार डीजल की कीमतों ने पेट्रोल की कीमतों को पीछे छोड़ दिया है। देश में लगातार 18वें दिन तेल की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है।

बुधवार यानी लगातार 18वें दिन 24 जून को पेट्रोल की कीमतों में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई लेकिन, डीजल की कीमत 48 पैसे बढ़ी है। इसी के साथ पेट्रोलियम के इतिहास में पहली बार दिल्ली में डीजल की कीमत पेट्रोल से 12 पैसे ज्यादा हो गई है।

दिल्ली में एक समय पेट्रोल की कीमत 79.76 रुपये है, जबकि डीजल की कीमत में बढ़ोतरी के साथ 79.88 रुपये प्रति लीटर हो गया है। ये इतिहास में पहली बार है जब देश में पेट्रोल की कीमत डीजल के मुकाबले कम रह गई। मोदी है तो मुमकिन है का नारा देने वाले पीएम मोदी और बड़ी-बड़ी बातें करने वाली भाजपा ने देश की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है।

हालांकि ये स्थिति सिर्फ दिल्ली में है। देश के बाकी हिस्सों में अभी भी पेट्रोल के मुकाबले डीजल का रेट कम है। दिल्ली में बढ़ी कीमत का एक कारण वैट टैक्स भी है। दिल्ली सरकार ने लॉकडाउन के दौरान डीजल पर वैट की दर को बढ़ा दिया था।

सबसे ज़्यादा ध्यान देने वाली बात ये है कि, अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम बहुत कम हैं। बावजूद इसके देश में लगातार 18 वें दिन तेल कीमतों में बढ़ोतरी से केंद्र की मोदी सरकार पर सवाल गंभीर सवालउठ रहे हैं। लॉकडाउन में जब लोगों की नौकरियां चली गईं हैं तब मोदी महंगाई बढ़ा रहे हैं। बात दें कि हाल ही में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर इस पर चिंता जाहिर की थी और सरकार से तेल कीमतों को पर लगाम लगाने की अपील की थी।

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