30 अक्टूबर को हुए मोरबी के दर्दनाक पुल हादसे की जांच में एक बड़ा खुलासा हुआ है। जांच में यह बात सामने आई है कि जिस ओरेवा ग्रुप की कंपनी अजंता मैन्युफैक्चरिंग प्राइवेट लिमिटेड को मोरबी हैंगिंग ब्रिज की मरम्मत और रख-रखाव के लिए 2 करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे उसका सिर्फ 6% यानी 12 लाख रुपए हीं खर्च किए।

अजंता मैन्युफैक्चरिंग प्राइवेट लिमिटेड ने इसी साल मार्च में मोरबी नगर निगम से पुल के 15 साल के लिए रखरखाव की जिम्मेदारी ली थी।

इस कंपनी के चेयरमैन जयसुख पटेल ने 24 अक्टूबर को मोरबी पुल का उद्घाटन करते हुए कहा था- “ब्रिटिश काल के सस्पेंशन ब्रिज के 6 महीने के नवीनीकरण का काम पूरा हो चुका है और इस गुजराती नव वर्ष पर जनता के लिए खोलना पूरी तरह सुरक्षित है।” इसके बाद पुल खुला और हादसे में 140 लोगों की मौत हो गई।

रख रखाव के लिए दूसरी कम्पनी से लिए उप-अनुबंध

पुलिस की जांच में ओरेवा ग्रुप के अजंता मैन्युफैक्चरिंग प्राइवेट लिमिटेड की कई अनियमितताएं पता चली हैं। कंपनी में पुल के नवीनीकरण का काम एक दूसरी कंपनी देवप्रकाश सॉल्यूशंस की दी थी। ओरेवा की तरह इस कंपनी के पास भी पुल के रखरखाव से संबंधित जानकारी का अभाव था।

देवप्रकाश सॉल्यूशंस से जब्त दस्तावेजों से पता चला कि इन्होंने 2 करोड़ में से सिर्फ 12 लाख रुपए हीं पुल के रेनोवेशन ने लगाया।

पुलिस की अबतक की जांच में ये बातें आईं सामने

मार्च 2022 में मोरबी नगर निगम और अजंता मैन्युफैक्चरिंग प्राइवेट लिमिटेड, ओरेवा समूह की अजंता मैन्युफैक्चरिंग कंपनी के बीच 15 साल के रखरखाव अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए, जो 2037 तक वैध था।

ओरेवा समूह ने पुल के रखरखाव के लिए आवंटित 2 करोड़ रुपये में से केवल 12 लाख रुपये खर्च किए।

मोरबी नगर पालिका के मुख्य अधिकारी संदीपसिंह जाला को निलंबित कर दिया गया है। इस ‘मरम्मत’ पुल का उद्घाटन ओरेवा समूह के प्रबंध निदेशक जयसुखभाई पटेल ने किया था।

ओरेवा समूह ने ध्रांगधरा स्थित फर्म देवप्रकाश सॉल्यूशंस को मरम्मत कार्य का उप-अनुबंध किया था।

ओरेवा की तरह, देवप्रकाश सॉल्यूशंस में भी इस तरह के काम के लिए आवश्यक तकनीकी जानकारी का अभाव है।

गुजरात के अधिकारियों ने यह भी दावा किया है कि ओरेवा को पुल को जनता के लिए खोलने की अनुमति नहीं थी।

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