दिल्ली हिंसा पर कई दिनों से ख़ामोश लोकसभा में आखिरकार बुधवार को चर्चा की गई। यहां विपक्षी दल के नेताओं ने हिंसा के लिए सरकार को ज़िम्मेदार ठहराते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग की।

इस चर्चा में एआईएमआईएम चीफ़ एवं हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी हिस्सा लिया। चर्चा के दौरान अपने भाषण में ओवैसी ने दिल्ली हिंसा को ‘पोगराम’ कहा। उन्होंने कहा कि जो हुआ है उसे दंगा कहना एक मजाक है, ये एक नरसंहार था। इस दौरान उन्होंने हिंसा की जांच की मांग भी की।

ओवैसी ने कहा कि सरकार की ओर से जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है लेकिन उन्हें उसपर विश्वास नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के सिटिंग जज से मामले की जांच कराई जाए, तभी सच्चाई सामने आएगी।

एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि ये सवाल हिन्दू या मुसलमान का नहीं है बल्कि सरकार की जिम्मेदारी निभाने का है। सरकार फेल हुई है। उन्होंने हिंसा के दौरान दिल्ली पुलिस की भूमिका को भी कटघरे में खड़ा किया।

ओवैसी ने कहा कि पुलिस के जो वीडियो आए हैं, उनमें सिपाही पत्थर फेंक रहे हैं पीट-पीटकर वंदेमातरम गाने को कह रहे हैैं। क्या इनकी जांच होगी। अंकित शर्मा की भी मौत हुई है और फैजान की भी। किसी की जान की कीमत किसी से कम नहीं है, सबको इंसाफ मिलना चाहिए ये हमारी मांग है।

बता दें कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली के कई इलाकों में तीन दिनों तक लगातार हिंसा हुई थी। इस हिंसात्मक घटना में आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक 53 लोगों की मौत हुई है, जबकि 200 से अधिक लोग घायल हुए हैं।

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