pulwama attack
Pulwama Attack

कश्मीर घाटी में तैनात डीएसपी देविंदर सिंह की दो आतंकवादियों के साथ गिरफ्तारी के बाद कांग्रेस ने पुलवामा हमले की नए सिरे से जांच की मांग की है। कांग्रेस ने ये मांग इसलिए की है क्योंकि हमले के वक्त देविंदर सिंह पुलवामा में डीएसपी पद पर तैनात था।

कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने ट्विटर के ज़रिए कहा, “घाटी में बड़ी कमी उजागर हुई है जो हम पर भारी पड़ती दिख रही है। हम खुद को पाखंडी और मूर्ख नहीं बना सकते। अब (देवेंद्र सिंह की गिरफ्तारी के बाद) यह सवाल उठना लाजिमी है कि पुलवामा हमले के पीछे किसका हाथ था”।

बता दें कि पिछले साल 14 फरवरी को पुलवामा में एक भीषण आतंकी हमला हुआ था जिसमें 40 सीआरपीएफ जवान शहीद हो गए थे। आतंकियों के साथ गिरफ्तार किए गए देविंदर सिंह की पुलवामा हमले में भूमिका इसलिए शक के घेरे में है क्योंकि हमले के वक्त वह वहां डीएसपी के पद पर तैनात था।

कांग्रेस हमले के वक्त देविंदर सिंह की तैनाती को लेकर ही नए सिरे से जांच की मांग कर रही है। लेकिन बीजेपी इस जांच से बचती नज़र आ रही है। बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा का कहना है कि कांग्रेस पुलवामा हमले की नए सिरे से जांच की मांग कर भारत की पीठ में खंजर घोपने और पाकिस्तान की तरफ़दारी करने का काम कर रही है।

बीजेपी प्रवक्ता के इस बयान से साफ़ है कि वो पुलवामा हमले की जांच नहीं कराना चाहती! लेकिन वह जांच से क्यों बच रही है, इसको लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं। जन अधिकार पार्टी के चीफ़ पप्पू यादव ने भी जांच की मांग पर बीजेपी के रुख को लेकर सवाल खड़े किए हैं।

उन्होंने ट्विटर के ज़रिए कहा, “पुलवामा हमले की जांच से क्यों डर रही है भाजपा? जांच होगी तभी असली गुनहगार सामने आएंगे,पाकिस्तान का ही अगर हाथ है तो उसके साथ किसने हाथ मिला RDX वहां पहुंचाया? कुल 78 बस में से किसने बिना बुलेट प्रूफ बस की पहचान कर आतंकी हमला करने में मदद की? जांच होनी चाहिए, चुनाव के समय हमला कैसे?”

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