ग्लोबल हंगर इंडेक्स में एक बार फिर से भारत ने शर्मनाक प्रदर्शन किया है। 119 देशों की इस सूची में भारत को 102 वां स्थान प्राप्त हुआ है। भारत की दशा इतनी बुरी है कि पाकिस्तान और बांग्लादेश ही नहीं नॉर्थ कोरिया से भी खराब रैंकिंग मिली है और इसके साथ ही दक्षिण एशिया में भारत की रैंक सबसे खराब है। मतलब दक्षिण एशिया में कोई भी ऐसा देश नहीं है जिसकी तुलना में भारत की स्थिति बेहतर हो।

एक तरफ इस देश की सरकार 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी के साइज का दावा कर रही है तो दूसरी तरफ भारत भुखमरी में सारे रिकॉर्ड तोड़ रहा है ऐसे में सवाल उठता है कि जिस अर्थव्यवस्था के उन्नति की बात की जा रही है वो किसके हितों की है ?

जाहिर सी बात है – पिछले कुछ सालों से होने वाले विकास का फायदा अंबानी अडानी जैसे बड़े उद्योगपतियों को ही मिल रहा है। इसी पर निशाना साधते हुए पूर्व सांसद पप्पू यादव ने लिखा-

प्रधानमंत्री जी के परमप्रिय मित्र गौतम अडानी अमीरों की सूची में उछाल मार दूसरे स्थान पर पहुंच गए। वहीं भारत दुनिया के भूखमरी के शिकार देशों की सूची में फिसलकर 102वें स्थान पर आ गया। फिर भी आप हिन्दू-मुसलमान कीजिये। और यह राम-राम जपकर आपका माल अपने मित्रों के नाम करते रहेंगे।

दरअसल जहां एक तरफ सरकार विकास के नाम पर लोगों को गुमराह कर रही है वहीं दूसरी तरफ मीडिया भी मंदिर मस्जिद के नाम पर और हिंदू मुसलमान के नाम पर लोगों को गुमराह कर रहा है ।

अपने देश में भुखमरी के हालात पर चर्चा ना करके इस देश का मीडिया अक्सर इस बात पर चर्चा करता है कि कैसे पाकिस्तान भूखा मर रहा है, कैसे पाकिस्तान बर्बाद हो रहा है। यानी राष्ट्रवाद के नाम पर वास्तविक मुद्दों से लोगों का ध्यान हटाने की साजिश, सरकार और मीडिया साझा रूप से कर रहे हैं।

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