जहां एक तरफ भारत कोरोनावायरस जैसे खतरनाक संक्रमण के महा संकट से जूझ रहा है। वही मोदी सरकार ने इस हालात में NEET/JEE की परीक्षा करवाने का फैसला ले लिया है।

जिसका देशभर के छात्र विरोध कर रहे हैं। क्योंकि कोरोना की वजह से बनी गंभीर स्थिति में ये परीक्षा होना बड़े खतरे को सीधा बुलावा है।

विपक्षी दलों द्वारा भी केंद्र सरकार ने हालात सामान्य होने तक NEET/JEE की परीक्षा स्थगित करने की अपील की है।

दरअसल यूजीसी ने अपनी गाइडलाइन्स में निर्देश दिया था कि यूनिवर्सिटीज और कॉलेज सितंबर 2020 अंत तक फाइनल ईयर की परीक्षाएं पूरी करा लें। लेकिन चिंताजनक बात ये है कि सिंतबर में अगर परीक्षएं कराई जाती हैं तो छात्रों का जीवन खतरे में पड़ जाएगा।

इस मामले में शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ने सुप्रीम कोर्ट का हवाला देते हुए कहा है कि कोर्ट भी मानता है कि इस तरह एकेडमिक ईयर को बर्बाद नहीं किया जा सकता। हम परीक्षा केंद्रों में कोरोना के खतरें को ध्यान में रखते हुए सभी जरूरी एहतियात बरत रहें हैं।

इस मामले में बिहार के पूर्व सांसद पप्पू यादव ने मोदी सरकार को घेरते हुए ट्विटर पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।

उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि “नरेंद्र मोदी जी, छात्र आपकी तरह 8000 करोड़ के चार्टर्ड प्लेन से IIT NEET की परीक्षा देने नहीं जाते हैं। वह ट्रेन और बस में लदकर जाते हैं, जो अभी चल नहीं रहा। तो आपको इतनी-सी बात समझ नहीं आ रही है कि वह जाएंगे कैसे परीक्षा देने। माल लेकर उनकी जान के दुश्मन क्यों बने हैं?”

इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री समेत कई विपक्षी नेताओं ने मोदी सरकार के इस फैसले की कड़ी निंदा की है।

सोचने वाली बात है कि कोरोना की वजह से पहले ही लाखों लोगों की नौकरी जा चुकी है। अब छात्रों की जान को संकट में डाला जा रहा है।

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