स्वदेशी का राग अलापने वाले बाबा रामदेव अपनी कंपनी पतंजली के शहद में तकरीबन 80 फीसदी चीनी सिरप की मिलावट करते पाए गए हैं।

पतंजली के साथ ही 12 और ऐसी छोटी-बड़ी कंपनियां हैं, जिनके शहद में ये मिलावट पाई गई है। इस बात का खुलासा सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट (CSE) की हालिया जांच में हुआ।

दरअसल, CSE ने 13 कंपनियों का सैंपल लिया था। जिमसें डाबर, पतंजलि समेत कई ब्रॉन्ड शामिल थे। इसकी जांच जर्मनी में की गई थी। जिसमें 11 कंपनियों के शहद शुद्धता जांच में फेल हो गए।

हालांकि कुछ कंपनियों के शहद जांच में सही भी पाए गए, जिनमें सफोला, मार्कफेड सोहना और नेचर्स नेक्टर का नाम शामिल है।

इस रिपोर्ट को न्यूक्लियर मैग्नेटिक रेजोनेंस स्पेक्ट्रोस्कोपी (NMR) जांच के आधार पर तैयार किया गया है। भारतीय कानून के तहत स्थानीय स्तर पर बिकने वाले शहद के लिए एनएमआर जांच की जरूरत नहीं होती, लेकिन जो शहद विदेशों से आते हैं, उनकी जांच की जाती है।

CSE के फूड सेफ्टी एंड टॉक्सिन टीम के कार्यक्रम निदेशक अमित खुराना ने बताया कि कंपनियां शहद में सुगर सिरप मिला देती हैं। ये सिरप इस तरह से बनाया जाता है कि जांच में पकड़ा ना जाए।

इस वजह से जब भारत में इसका परीक्षण होता है, तो वो आसानी से उसमें पास हो जाते हैं। वहीं जब भारतीय ब्रॉन्ड की NMR जांच करवाई गई तो ज्यादातर कंपनियों के सैंपल फेल हो गए।

पतंजली के शहद में चीनी सिरप पाए जाने के बाद बाबा रामदेव सोशल मीडिया यूज़र्स के निशाने पर आ गए हैं।

भूपेंद्र सिंह नाम के एक यूजर ने ट्वीट कर लिखा, “और यह है ढोंगी बाबा रामदेव की करतूत। इस संघी मास्टरमाइंड के ड्रामे कभी ख़त्म नहीं होते। खुद जहर घोल रहा है शहद में।”

वहीं शहबाज हैदर अली नाम के ट्विटर यूज़र ने लिखा, “पतंजलि शहद में 80% चीनी सिरप मिला और पंतजलि का नारा स्वदेशी का है।”

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