असम समेत पूरे पूर्वोत्तर के राज्यों में नागरिकता विधेयक को लेकर हिंसक विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं। यहां हालात बेकाबू होते जा रहे हैं। पुलिस ने लोगों पर गोलियां तक चला दी हैं।

गुवाहाटी में कर्फ्यू है इसके बावजूद हजारों लोग कर्फ्यू का उल्लंघन करते हुए गुरुवार को सड़कों पर उतर आए। असम के 10 शहरों-जिलों में 24 घंटे के लिए और त्रिपुरा में 48 घंटे के लिए इंटरनेट सेवाएं बंद हैं।

गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने असम के लोगों को आश्वासन देते हुए ट्वीट किया कि, “उन्हें नागरिकता संशोधन विधेयक के संसद में पारित होने के बाद चिंता करने की कोई जरुरत नहीं है और कोई उनके अधिकारों, विशिष्ट पहचान और खूबसूरत संस्कृति को छीन नहीं सकता।”

सवाल ये है कि, फिर नरेन्द्र मोदी किसके लिए ट्वीट कर रहे हैं? पूर्वोत्तर के राज्य जल रहे हैं, वहां इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं। कोई भी सोशल मीडिया साइट्स- फेसबुक, ट्वीटर, यूट्यूब और वाट्सएप नहीं चला सकता। फिर पीएम मोदी का ट्वीट कौन देखेगा? फिर पीएम के इस ट्वीट को दुनिया को दिखाने के लिए माना जा सकता है।

वहीं कांग्रेस ने भी असम के लोगों को प्रधानमंत्री मोदी की ओर से कैब को लेकर आश्वासन दिए जाने के बाद उन पर तंज कसते हुए कहा कि, वहां के लोग प्रधानमंत्री के संदेश नहीं पढ़ सकते क्योंकि इंटरनेट सेवाएं बंद है। पार्टी ने यह दावा भी दोहराया कि विधेयक पूरी तरह असंवैधानिक है और इसे किसी ने किसी तरफ से सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाएगी।

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