2014 में प्रचंड बहुमत के साथ केंद्र की सत्ता पर काबिज़ हुई भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की साख़ 2019 में ख़तरे में नज़र आ रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि जिस मोदी लहर के बल पर बीजेपी सत्ता में आई थी, वह अब कहीं दिखाई नहीं दे रही। ख़ुद पीएम मोदी अपनी रैलियों में भीड़ जुटाने करने में नाकाम नज़र आ रहे हैं।

ताज़ा मामला ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर से सामने आया है। जहां पीएम मोदी की जनसभा के दौरान सैकड़ों की तादाद में खाली कुर्सियां दिखाई दीं। दरअसल, मंगलवार (16 अप्रैल) को पीएम मोदी भुवनेश्वर के बारामुडा ग्राउंड में एक जनसभा को संबोधित करने पहुंचे थे। लेकिन जब पीएम मोदी ने अपना संबोधन शुरु किया तो भीड़ ने उन्हें सुनने के बजाए वहां से निकलना शुरु कर दिया।

इस तरह थोड़ी ही देर में पहले पीछे की कुर्सियां खाली हुईं और कुछ ही देर बाद सामने की कुर्सियां भी खाली नज़र आने लगीं। देखते ही देखते वहां सैकड़ों की तादाद में कुर्सियां खाली हो गईं। पीएम मोदी की रैली में खाली पड़ी इन कुर्सियों की तस्वीर सोशल मीडिया पर भी जमकर शेयर की जा रही है।

पीएम मोदी की रैली में खाली पड़ी इन कुर्सियों ने बीजेपी की साख़ पर सवाल खड़े कर दिए हैं। 2014 में, भाजपा ने राज्य की 21 लोकसभा सीटों में से एक और 147 विधानसभा सीटों में से 10 सीटें जीती थीं।

नवीन पटनायक की बीजू जनता दल (बीजेडी), जो पिछले 19 सालों से ओडिशा में सत्ता में है, ने 20 लोकसभा सीटें और 117 विधानसभा सीटें जीतकर दोनों चुनावों में जीत हासिल की थी।

बीजेपी 2019 में ओडिशा में अपने गणित में सुधार करने की उम्मीद कर रही है। उसे उम्मीद है कि नवीन पटनायक के 19 साल के शासनकाल के बाद ओडिशा में सत्ता-विरोधी लहर होगी। लेकिन भुवनेश्वर में मोदी की रैली में भीड़ का न जुटना पूर्वी राज्य में भगवा पार्टी की संभावनाओं के लिए चिंता का संकेत है।

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