छत्तीसगढ़ के बीजापुर और सुकमा में हुए नक्सली हमले के बाद देश के गृह मंत्री अमित शाह ने हाई लेवल मीटिंग बुलाई है। मोदी सरकार ने इस हमले के बाद यह भरोसा जताया है कि इसके बाद नक्सलियों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।

बताया जा रहा है कि इस नक्सली हमले के बाद मोदी सरकार विपक्षी दलों के निशाने पर बनी हुई है। पूरा विपक्ष इस मामले में मोदी सरकार को ही दोषी ठहरा रहा है।

इस कड़ी में कांग्रेस ने भाजपा को घेरते हुए कहा है कि मोदी सरकार की लापरवाही के कारण ही इस नक्सली हमले में 22 जवान शहीद हुए हैं।

इस मामले में झारखंड की विधायक सीता सोरेन ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है।

उन्होंने लिखा है कि “जिस देश के प्रधानमंत्री के पास 8 हजार 500 करोड़ का विमान हो उस देश के सैनिक नक्सली घटना में घायल जवान इस तरह ट्राली में डाल कर लाये जाते है।

“दुर्भाग्य” अगर सरकार अपने देश के वीर जवानों के प्रति संवेदनशील है तो तुरंत उन्हें आकस्मिक सेवा हेलीकॉप्टर मुहैया क्यों नहीं कराया जाता?

सोशल मीडिया पर वायरल हो रही इस तस्वीर शहीद जवानों के शव को ट्राली में डाला जा रहा है। मोदी सरकार देश के जवानों को बेसिक सुविधाएं ना मुहैया करवाए जाने की वजह से सवालों के कटघरे में आ गई है।

गौरतलब है कि मोदी सरकार देश के जवानों और किसानों के नाम पर ही वोट बटोरने का काम करती है। लेकिन आज के वक्त में किसान और जवान दोनों की ही सरकार द्वारा अनदेखी की जा रही है।

आपको बता दें कि इस नक्सली मुठभेड़ में शहीद हुए पुलिस अधिकारियों और जवानों को 80 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया गया है।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शहीदों के परिवार को यह आर्थिक सहायता और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने के आदेश जल्द से जल्द पूरे किए जाने के लिए कहा है।

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