राजधानी दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय(JNU) के छात्र-छात्राओं का आंदोलन लगातार बड़ा होता जा रहा है।
अब सभी छात्र संगठनों ने जेएनयू से संसद तक मार्च की तैयारी की है। इसी के मद्देनजर 18 नवंबर को संसद के लिए मार्च करने का साझा कार्यक्रम तैयार किया गया है।
लेकिन छात्र छात्राओं की इस तैयारी से ज्यादा तैयार हो गए हैं पुलिस और सीआरपीएफ के तमाम जवान।
रातों-रात कैंपस के गेट समेत तमाम जगहों पर बैरिकेडिंग करके बिल्कुल छावनी जैसा माहौल बनाया जा रहा है।
माना जा रहा है कि बड़े बल प्रयोग की संभावना दिखाकर छात्र-छात्राओं को डराने की कोशिश की जा रही है।
हालांकि प्रशासन और सरकार से आर-पार पार की लड़ाई लड़ने के लिए मशहूर जेएनयू छात्रों का हौसला कम होता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है।
जहां एक तरफ कैंपस में गीत संगीत और नारेबाजी के साथ एक दूसरे का उत्साह बढ़ा रहे हैं वहीं सोशल मीडिया पर तमाम लेख के जरिए एक दूसरे का हौसला बढ़ा रहे हैं।
कैंपस में बनाए जा रहे इस तरह के माहौल को वाइस चांसलर और मोदी सरकार की साजिश बताते हुए जेएनयू छात्रा कनकलता यादव कनकलता यादव फेसबुक पर लिखती हैं-
देशभर के विश्वविद्यालयों से आ रहे छात्र-छात्राओं और शिक्षकों के समर्थन के बावजूद सरकार और प्रशासन का अड़ियल रवैया बरकरार है।
तोप चलवा दीजिये न हम लोगों पर, इकट्ठा सब लोग उड़ जाएंगे। जो जो बोले मरवा दीजिये उसको। आप कल हमें रोक लेंगे तो क्या हमेशा हम लोग बोलना बन्द कर देंगे? ये जो फीस मांग रहे हैं न आप देश के हर स्टूडेंट से इसको बन्द करना पड़ेगा साहब, सबको मुफ्त शिक्षा दीजिये।
ये जो पुलिस और सीआरपीएफ आप हम लोगों के लिए लांच करवाये हैं न, इनके भी बच्चों को मुफ्त शिक्षा दिलवाइये। और सुनिए मुफ्त शिक्षा रहता न तो आप भी प्रधानमंत्री बनकर देश का कूड़ा नहीं कर रहे होते, आपके पिता जी चाय बेचते थे न, अगर मुफ्त शिक्षा रहता तो आपको आपके पिता जी बढ़िया यूनिवर्सिटी में भेज देते या शायद जेएनयू में ही आप आकर हम लोगों के साथ आंदोलन कर रहे होते और देश का कूड़ा होने से बच जाता।
अभी भी वक्त है, मान जाईये और पूरा देश का शिक्षा फ्री कीजिये। सबका नहीं कर सकते हैं तो जिन लड़कियों के नाम पर आप बेटी बचाओ बेटी को ये करो वो करो करते हैं, उन लड़कियों का ही देश में शिक्षा मुफ्त करवा दीजिये, नहीं तो फ़र्ज़ी छाती पीटना बन्द दीजिये।
वीसी साहेब आपका पुलिस सीआरपीएफ देखकर जेएनयू के हर बच्चा का माँ बाप परेशान है कि कल क्या होगा। मेरी माँ ने भी मुझे फ़ोन किया है और चूंकि माँ हैं इसलिए बोली हैं कि बच कर रहना ये सरकार बहुत क्रूर है, लेकिन उन्होंने मुझे जाने को मना नहीं किया है और बोला है कि लड़ना तो पड़ेगा ही।
वीसी साहेब आपसे बेहतर हालात में मेरे गांव समाज के लोग छात्रों के बारे में सोचते हैं और अब लड़ाई आपके हमारे बीच की है ही नहीं, लड़ाई आगे निकल चुकी है और पूरे देश के वंचित तबके बनाम सरकार की हो गयी है। आप अपनी तोपें तैयार कीजिये और खुद ही दग जाईये।
सब लोग तैयार रहिये, कल सुबह 10 बजे साबरमती ढाबा से चल देना है संसद की तरफ। जेएनयू के बाहर के इंसाफ़ पसन्द अवाम से भी मेरी गुजारिश है कि आईये, आने वाले पीढ़ी के लिए हम लोग संसद की तरफ चलें और सबको मुफ्त शिक्षा देने का मांग करें और जेएनयू में हो रही फीस वृद्धि के खिलाफ एक स्वर में आवाज उठाएं। बाकी जो होगा देखा जाएगा, डरना नहीं है।
लड़ेंगे जीतेंगे।
इसके साथ ही इस नाकेबंदी की तुलना उन्नाव में किसानों पर किए गए लाठीचार्ज से करते हुए कनकलता लिखती हैं-
ये दो तस्वीरें हैं- ( उन्नाव और जेएनयू की तस्वीर शेयर करते हुए)
पहली दो तस्वीरें किसानों को मारती हुई यूपी पुलिस की हैं। दूसरी दो तस्वीरें किसानों के बच्चों को जेएनयू से संसद जाने से रोकने और मारने के लिए दिल्ली पुलिस की हैं।
यूपी में किसानों को मारा गया है कल दिल्ली में किसानों के बच्चों को मारने की तैयारी है। यूपी और देश में सरकार भाजपा की है।