विजयदशमी पर RSS के हाई प्रोफाइल प्रोग्राम में शिरकत करने वाले वरिष्ठ कांग्रेसी नेता प्रणब मुखर्जी को मोदी सरकार ने भारत रत्न से नवाजा है साथ ही नानाजी देशमुख और भूपेन हजारिका को भारत रत्न दिया गया है।

गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर जैसे ही राष्ट्रपति द्वारा तीन हस्तियों के नाम ‘भारत रत्न’ की घोषणा हुई उसके बाद ही सोशल मीडिया पर तमाम प्रतिक्रियाएं शुरू हो गई है।

इसके बारे में खुद प्रणब मुखर्जी लिखते हैं- ये लोगों का प्रेम और सम्मान है कि मैं भारत रत्न पा रहा हूं, मैंने हमेशा कहा है और फिर से दोहरा रहा हूं कि मैंने भारत के लोगों को जितना दिया है उससे ज्यादा उनसे पाया हूं।’

पॉलिटिकल एनालिसिस्ट संजय यादव लिखते हैं- ‘भारत रत्न का नाम बदलकर जनेऊ रत्न कर देना चाहिए’ 

गौरतलब है कि नानाजी देशमुख BJP के संस्थापक और RSS के प्रचारक रहे हैं और प्रणव मुखर्जी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मगर कुछ दिनों से BJP-RSS के चहेता रहे हैं।

आरजेडी के राज्यसभा सांसद मनोज झा लिखते हैं- मोदी जी अपने भारत रत्न की लिस्ट देखिए, आपने दलितों-पिछड़ों के बड़े नेता कर्पूरी ठाकुर को इससे बाहर क्यों रखा ? उन्हें भारत रत्न देकर आप ये सुनिश्चित कर सकते थे कि पिछड़े समाज को यह महसूस हो कि वो भी भारत के लोग हैं।

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