तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के चार राज्यसभा सांसद पार्टी छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए हैं। जिन चार सांसदों ने BJP का दामन थामा है उनमें से दो सांसद सीएम रमेश और वाईएस चौधरी पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं। वाईएस चौधरी का नाम तो छह हज़ार करोड़ रुपए की बैंक धोखाधड़ी मामले में भी आ चुका है।

पिछले साल नवंबर में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बैंक घोटाले के मामल में वाईएस चौधरी के घर पर छापा भी मारा था। इस छापे में उनके घर से ईडी ने फेरारी, रेंज रोवर और मर्सिडीज बेंज सहित 6 लक्जरी गाड़ियां सहित कई दस्तावेज भी बरामद किए हैं। आरोप है कि चौधरी द्वारा नियंत्रित की जा रही 120 शेल कंपनियों के जरिए ये घोटाले किए गए थे।

ईडी ने दावा किया था कि उसकी जांच में पता चला है कि चौधरी का हाथ सुजाना समूह की कंपनियों के पीछे है और उसने इस बारे में साक्ष्य एकत्रित किये हैं कि सुजाना समूह की विभिन्न कंपनियों के सभी निदेशक चौधरी के निर्देशन में काम करते हैं।

एजेंसी ने दावा किया था कि छापे में जब्त की गई महंगी कारें इन्हीं शेल कंपनियों के नाम से पंजीकृत हैं। ईडी ने दावा किया था कि इन शेल कंपनियों द्वारा बैंकों से 5700 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी की गई।

बता दें कि वाईएस चौधरी साल 2014 से 2018 के बीच मोदी सरकार में राज्‍य मंत्री थे। हालांकि बीते साल टीडीपी ने केंद्र सरकार से समर्थन वापस ले लिया था। इसके बाद वाईएस चौधरी ने राज्‍य मंत्री के पद से इस्‍तीफा दे दिया था। अब चौधरी BJP में शामिल हो गए हैं तो ऐसा माना जा रहा है कि उन्होंने यह फैसला ख़ुद को ईडी की जांच से बचाने के लिए लिया है।

सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ पत्रकार प्रशांत भूषण ने चौधरी के बीजेपी में शामिल होने पर तंज़ कसते हुए ट्विटर के ज़रिए कहा, “6 महीने पहले 6000 करोड़ बैंक धोखाधड़ी मामले में छापे का सामना करने वाले टीडीपी सांसद वाईएस चौधरी आज BJP में शामिल हो गए। अब बीजेपी व्हाइटवॉशिंग मशीन के माध्यम से उन्हें एक नया रूप देगी और उनके खिलाफ मामले वापस ले लिए जाएंगे। ‘ना खाने दूंगा’ तो दूर, ये ‘खाने वालों को साथ ले लूंगा’ सरकार है!”

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