पिछले कुछ दिनों से एक नया नाटक शुरु हुआ था। बीजेपी ‘नमो एप’ के जरिए 5 रुपये से लेकर 1000 रुपये तक का डोनेशन मांग रही थी।

खुद प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया था ‘मैंने ‘नमो ऐप’ के माध्यम से 1000 रुपए की राशि दी है। मैं आपसे आग्रह करता हूं कि आप सभी इस ऐप के माध्यम से पार्टी में योगदान दें और सार्वजनिक जीवन में पारदर्शिता का संदेश फैलाएं।’

बीजेपी ने भी अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से अपील थी ‘आपका छोटा योगदान ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के निर्माण में बड़ा अंतर ला सकता है। इसलिये नमो ऐप के माध्यम से 5 रुपये, 50 रुपये, 100 रुपये, 500 रुपये और 1000 रुपये का छोटा छोटा योगदान करें और भाजपा को मजबूत बनाएं।’

अब खबर आ रही है कि बीजेपी TV पर विज्ञापन देने में नंबर वन बन गई है। साबून, तेल, तंबाकू, गुटका यहां तक कि कथित फेयरनेस क्रीम की कंपनी तक से भी आगे निकल चुकी है बीजेपी। प्रचार करने वाले शीर्ष 10 उत्पादों में सबसे ऊपर बीजेपी का नाम है।

यह आंकड़े ब्रॉडकास्ट ऑडियेंस रिसर्च काउंसिल ने जारी किए हैं। यह कांउसिल हर हफ्ते टी.वी पर दिखाए जाने वाले विज्ञापनों और कार्यक्रमों से संबंधित आंकड़े जारी करती है।

नमो एप्प पर 5 रु चंदा क्यों मांग रहे हैं मोदी ? राम की राजनीति पर भारी पड़ रही है कांशीराम की रणनीति !

इस हफ्ते कांउसिल के अनुसार टी.वी पर पूरे देश में सबसे ज्यादा भारतीय जनता पार्टी के विज्ञापन दर्शकों को दिखाए गएं हैं। साथ ही कांउसिल ने बताया है कि 22,099 बार टी.वी पर भारतीय जनता पार्टी के विज्ञापन को दिखाया गया।

सवाल उठता है कि क्या बीजेपी जनता को मूर्ख समझती है। एक तरफ ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के नाम पर जनता से चंदा मांगा जा रहा है दूसरी तरफ विज्ञापन पर करोड़ों खर्च किए जा रहे हैं। क्या जनता की मेहनती की कमाई से सत्ता की रोटी सेक रही है बीजेपी ?

कालाधन के खिलाफ महायज्ञ का नाम देकर पीएम मोदी ने नोटबंदी की। नोटबंदी को दो साल बीत गए कितना कालाधन आया किसी को नहीं पता। लेकिन बीजेपी ने अपना आलीशान दफ्तर बना लिया ये सबको दिख रहा है।

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