मोदी राज में भारत और चीन के बीच रिश्ते बिगड़ते जा रहे हैं। अलग-अलग मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन भूटान के विवादित क्षेत्र में गांवों का निर्माण कर रहा है। सैटेलाइट तस्वीरों से पता चला है कि चीन डोकलाम से 30 किलोमीटर दूर गांवों का निर्माण कर रहा है।
बता दें कि इस खबर का जितना संबंध भूटान से है, उससे कम संबंध भारत से नहीं है। यहां मामला सिर्फ भारत और भूटान के अच्छे संबंधों का नहीं है। दरअसल भूटान की सुरक्षा की जिम्मेदारी में भारत भी साझेदार है। भूटान की सेना में भारतीय सैनिक भी तैनात हैं।
अब सवाल उठने लगे हैं कि केंद्र और राज्य की चुनावों को ‘देश की सुरक्षा’ के नाम पर लड़ने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहयोगी देश को भी सुरक्षा नहीं दे पा रहे! भूटान में चीन द्वारा गांव बसाने की जानकारी सार्वजनिक होने के बाद विपक्षी दलों द्वारा भी पीएम मोदी पर निशाना साधना शुरू कर दिया है।
कांग्रेस नेता राहुल गाँधी ने लिखा, “मोदी सरकार ने पहले समर्पण कर दिया और अब चीन को पीछे धकेलने में विफल होकर हमारे करीबी पड़ोसी को खतरे में डाल दिया है। अगर आप अपने लिए नहीं खड़े हो सकते, तो आप अपने दोस्तों के लिए कैसे खड़े होंगे?”
Modi Govt first surrendered our land and has now jeopardised our close neighbours by its inaction in pushing back China.
If you don't stand up for yourself, how will you stand up for your friends? pic.twitter.com/S0GjAWdfh3
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) January 14, 2022
अंतराष्ट्रीय न्यूज़ एजेंसी रायटर्स के अनुसार चीन ने भूटान में छह जगहों पर 200 इमारतें बनाई हैं। इसके अलावा चीन सड़कें भी बना रहा है। अमेरिकी कंपनी ‘हॉक-ऑय 360’ ने सेटालाइट तस्वीरों का विश्लेषण कर पता लगाया गया है कि भूटान की पश्चिमी सीमा पर वर्ष 2020 से ही चीन ‘अवैध’ निर्माण कर रहा था। तस्वीरों को समझकर अनुमान लगाया जा रहा है कि निर्माण कार्य को 2021 में तेज़ कर दिया गया था।
ये खबर इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाती है क्योंकि पिछले कुछ सालों में भारत और चीन के बीच सीमा विवाद बढ़ा है। 2017 में चीन और भारत के बीच डोकलाम विवाद हुआ था। डोकलाम वह क्षेत्र है जहाँ भारत-चीन-भूटान की सीमाएं मिलती हैं। चीन इस इलाके में सड़क का निर्माण कर रहा था जिसके बाद भारत और चीन की आर्मी के बीच काफी विवाद हुआ। अलग-अलग सीमाओं पर भारत और चीन बीच तनाव आज भी कायम है। हालाँकि, इन सभी विवादों के बावजूद दोनों देशों के बीच रिकॉर्ड 125 बिलियन डॉलर का व्यापर हुआ है।