assam detention camp
Rahul Gandhi says RSS backed pm Modi is a liar

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर बड़ा हमला करते हुए कहा है कि, “आरएसएस का प्रधानमंत्री भारत माता से झूठ बोलता है।” राहुल गांधी ने ट्वीटर पर एक वीडियो के जरिए बताया कि, पीएम मोदी डिटेंशन सेंटर पर किस तरह से झूठ बोल रहे हैं।

दरअसल, नागरिकता कानून और एनआरसी पर पूरे देश में हो रहे भारी विरोध प्रदर्शन के चलते 22 दिसम्बर को मोदी ने दिल्ली के रामलीला मैदान में एक रैली इस मुद्दे पर कहा कि, “अब भी जो भ्रम में हैं मैं उन्हें कहूँगा की कांग्रेस और अर्बन नक्सलियों द्वारा उड़ाई गई डिटेंशन सेंटर की अफवाएं सरासर झूठ हैं। बद-इरादे वाली हैं, देश को तबाह करने वाली नापाक इरादों से भरी हैं। ये झूठ है, झूठ है झूठ है।”

22 दिसम्बर को पीएम नरेन्द्र मोदी ने डिटेंशन सेंटर वाली बात को सिरे से नकार दिया। लेकिन बीबीसी की ग्राउंड जीरो से की गई एक रिपोर्ट के मुताबिक असम के माटिया गांव में 46 करोड़ रुपये की लागत से डिटेंशन सेंटर बनाया जा रहा है। इस डिटेंशन सेंटर का 70 फ़ीसदी तक काम पूरा भी हो गया है। इसकी बनने की समय सीमा 21 दिसम्बर 2019 थी लेकिन अब इसकी समय सीमा बढ़ाकर 21 मार्च 2020 तक कर दी गई है।

राहुल गांधी ने इसी वीडियो को ट्वीटर पर शेयर करके कहा है कि, आरएसएस का प्रधानमंत्री भारत माता से झूठ बोलता है। वहीं, सामाजिक कार्यकर्ता शाहजहां अली ने पीएम के बयान के बाद बीबीसी से कहा कि, “मैंने टीवी पर देखा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी बोल रहे हैं कि भारत में कोई डिटेंशन सेंटर नहीं है। इसीलिए मैं फिर से देखने के लिए आया कि सच में डिटेंशन सेंटर है या नहीं है, तो यहां पर आकर देखा तो डिटेंशन सेंटर है। भारत सरकार 46 करोड़ रुपये खर्चा करके बना रही है। मोदी जी ने बहुत बड़ा झूठ बोल दिए।”

मोदी ने रामलीला मैदान में दावा करते हुए कहा था कि, “जो भारत का नागरिक है उसे देश ने नहीं निकाला जाएगा। ऐसी कोई चर्चा हुई ही नहीं है कि एनआरसी लागू होगा। एनआरसी सिर्फ असम में लागू हुआ, वो भी सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद। देश में कहीं भी किसी भी नागरिक को डिटेंशन सेंटर में नहीं रखा गया है। सच तो यह है कि देश में कहीं कोई डिटेंशन सेंटर नहीं है।”

गौर करने वाली ये है कि, खुद मोदी के मंत्रिमंडल में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने 2 जुलाई 2019 को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर द्वारा लोकसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में बताया था कि असम में इस समय कुचल 6 डिटेंशन सेंटर हैं। इन सेंटर में 25 जून 2019 तक में कुल 1,133 लोगों को रखा गया है, जिसमें से 769 लोग पिछले तीन साल से रह रहे हैं। ये 6 डिटेंशन सेंटर असम के गोलपाड़ा, कोकराझार, डिब्रूगढ, जोरहाट और तेजपुर में हैं। इसमें पुरुष, महिलाओं के अलावा बच्चों को भी बंदी बनाकर रखा जाता है।

फिर सवाल उठता है कि जब अकेले असम में 6 डिटेंशन सेंटर मौजूद हैं तो फिर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रामलीला मैदान में ये क्यों कहा कि, अब भी जो भ्रम में हैं मैं उन्हें कहूँगा की कांग्रेस और अर्बन नक्सलियों द्वारा उड़ाई गई डिटेंशन सेंटर की अफवाएं सरासर झूठ हैं। बद-इरादे वाली हैं, देश को तबाह करने वाली नापाक इरादों से भरी हैं। ये झूठ है, झूठ है झूठ है? क्या असम भारत का हिस्सा नहीं है? जो प्रधानमंत्री डिटेंशन सेंटर की बात को नकार रहे हैं।

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