राम विलास पासवान ने अपने बेटे चिराग पासवान को लोक जनशक्ति पार्टी की कमान सौंप दी है। दिल्ली में राष्ट्रीय कार्यकारणी की बैठक में चिराग को एलजेपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया। इस दौरान रामविलास पासवान ने कहा,
“मेरे लिए मंत्रालय और पार्टी साथ में चलाना मुश्किल हो रहा था। हम चाहते हैं कि अगली पीढ़ी अपना काम संभाले।” 19 साल बाद लोजपा को रामविलास पासवान के बेटे के रूप में नया अध्यक्ष मिला है।
यही नहीं पिछले दिनों अपने भाई के बेटे और भतीजे प्रिंस राज को रामविलास पासवान ने लोजपा से सांसद का टिकट दिया और उन्हें लोजपा प्रदेश इकाई की भी कमान सौंपी।
Chirag Paswan appointed as the Chief of Lok Janshakti Party (LJP) at the party's national executive meeting. pic.twitter.com/edc54LJqwm
— ANI (@ANI) November 5, 2019
चिराग पासवाल को लोजपा का अध्यक्ष बनाए जाने पर कुमार विश्वास ने तंज कसते हुए कहा है कि, “इसे वंशवाद में न गिना जाए मितरों।” लोजपा बीजेपी की सहयोगी पार्टी है। दोनों ने 2014 और 2019 का लोकसभा चुनाव पीएम नरेंद्र मोदी की अगुवाई में साथ में लड़ा है। साथ ही 2015 का बिहार विधानसभा का चुनाव भी लड़ा।
इसे वंशवाद में न गिना जाए मितरों ???? https://t.co/CoVqj3cgxG
— Dr Kumar Vishvas (@DrKumarVishwas) November 5, 2019
हैरानी इस बात की है कि नरेन्द्र मोदी, अमित शाह और पूरी की पूरी बीजेपी ‘वंशवाद’ के खिलाफ लड़ते रहे हैं और विरोधियों को पानी पी पीकर कोसते रहे हैं। लेकिन जो पार्टी (लोजपा) बीजेपी के साथ में चुनाव लडती है, पीएम मोदी की सरकार में रामविलास पासवान 2014 और 2019 में केंद्रीय मंत्री हैं। फिर नरेन्द्र मोदी, अमित शाह और पूरी बीजेपी को रामविलास पासवान का वंशवाद क्यों नहीं दिखाई देता?
बीजेपी और उसके नेता बिहार में लालू प्रसाद यादव की राजद और उनके बेटे तेजस्वी यादव की राजनीति को वंशवाद कहते हैं। यही बीजेपी उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी में वंशवाद की बात करती है। लेकिन लोक जनशक्ति पार्टी और रामविलास पासवान पर ऐसी चुप्पी साध लेते हैं जैसे कोई हो ही ना!
बता दें कि लोजपा की जब से स्थापना हुई है तब से रामविलास पासवान ही पार्टी के अध्यक्ष रहे हैं। अब 19 साल बाद उन्होंने पार्टी बेटे चिराग को सौंप दी।