इंदौर के स्पा सेंटर में छापेमारी के दौरान पुलिस ने थाईलैंड की लड़कियों के साथ 3 भाजपा नेताओं को पकड़ा है। इंदौर पुलिस को सूचना मिली थी कि विजयनगर में स्पा सेंटर सेक्स रैकेट चलाया जा रहा है। पुलिस ने गुरुवार को छापा मारकर थाईलैंड की 10 लड़कियों के साथ 8 ग्राहकों को पकड़ा। इन ग्राहकों में 3 (वरुण यादव, विवेक नामदेव और अशोक सिंगला) भाजपा खंडवा के खालवा मंडल के भाजपा युवा मोर्चा के पदाधिकारी हैं।

वरुण यादव भाजपा युवा मोर्चा खालवा मंडल में उपाध्यक्ष है। विवेक नामदेव महामंत्री के पद पर हैं। अशोक सिंगला भाजपा का कार्यकर्ता है और ढाबा संचालक है। तीनों राजनीति के साथ-साथ व्यापार भी करते हैं। वरुण यादव और विवेक तिवारी दोनों किराना के थोक एवं चिल्लर व्यवसायी हैं। अशोक सिंगला ढाबा संचालक है। सेक्स रैकेट के मामले में गिरफ्तार ये तीनों भाजपा पदाधिकारी शादीशुदा हैं।

भाजपा के इन तीनों पदाधिकारियों को प्रदेश सरकार के वन मंत्री विजय शाह का करीबी बताया जा रहा है। विजय शाह खंडवा के ही रहने वाले हैं और हरसूद क्षेत्र से विधायक हैं। मामला सामने आने के बाद मंत्री और उनके बेटे दिव्यादित्य के साथ आरोपियों की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।

बुलेट पर खालवा के भारतीय जनता युवा मोर्चा के महामंत्री विवेक नामदेव के साथ मंत्री विजय शाह।
भारतीय जनता युवा मोर्चा के महामंत्री विवेक नामदेव के साथ मंत्री विजय शाह (PC- दैनिक भास्कर)

भाजपा पदाधिकारियों की गिरफ्तारी के बाद प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने कहा है, ”जिस्मफरोशी मामले में तीन भाजयुमो नेताओं के पकड़े जाने से बीजेपी की असली चाल, चरित्र और चेहरा सामने आ गया है। हम वन मंत्री के इस्तीफे की मांग करते हैं।”

कांग्रेस के आरोपों पर वन मंत्री शाह ने कहा है, ”हम लोग सार्वजनिक जीवन में जब काम करते हैं, अगर आपका कोई फ़ोटो ले रहा है तो मना नहीं कर सकता। अगर उन लोगों ने ग़लत काम किया है तो क़ानून अपना काम करे, हम उसको बचाने नहीं जा रहे हैं। राजनैतिक संबंध होने से कोई क़रीबी नहीं होता है। राजनीतिक संबंध अपनी जगह होते हैं जबकि व्यक्तिगत संबंध अपनी जगह।”

वरिष्ठ पत्रकार रवीश कुमार ने भाजपा नेताओं की गिरफ्तारी पर तंज कसते हुए कहा है, ऐसी ख़बरें छोटे अक्षरों में छपती हैं जबकि ख़बर में भाजपा युवा मोर्चा का एक सदस्य प्रदेश के वन मंत्री का करीबी लिखा गया है। हिन्दू राष्ट्र बनाने के इतने विशाल लक्ष्य को साकार करने में थाईलैंड की लड़कियाँ यहाँ इंदौर में कर रही थीं?

दूसरे दल की ख़बर होती तो अक्षर भीमकाय होते और ख़बर पहले पन्ने पर होती। दैनिक भास्कर डरपोक हो गया है। एक छापे के बाद अख़बार में पन्ना भरने के लिए लाइफ़ एंड मैनेजमेंट की खबरें बढ़ा दी गई हैं। विदेशी अख़बारों में छपने वाली नींद, सेक्स, तनाव और सफलता के अध्ययनों तो छाप कर पन्ना भर रहा है। पूरे अख़बार में केवल कूड़ा होता है। जबकि इस अख़बार में ऐसे शानदार रिपोर्टर हैं कि हफ़्ते भर में ख़बरों का चेहरा बदल दें। आप पाठकों के प्रति मेरा सम्मान वाक़ई ख़त्म होता जा रहा है। इतना रद्दी अख़बार कोई ख़रीद सकता है?

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