लगता है नीतीश कुमार और पीएम मोदी के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। लालू यादव के ताजा खुलासे से तो ऐसा ही लगता है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बीच दरार पड़ चुकी है।

लालू यादव ने यह खुलासा अपनी नई किताब, ‘गोपालगंज से रायसीना: मेरी राजनीतिक यात्रा’ में किया है। लालू ने नीतीश कुमार पर आरोप लगाया है कि आरजेडी और नीतीश की पार्टी के बीच बिहार में गठबंधन टूटने के बाद बीजेपी व नीतीश कुमार के बीच आंतरिक कलह है।

और बीजेपी-जेडीयू गठबंधन से नीतीश कुमार इतने आहत हैं कि गठबंधन को तोड़ लालू के साथ सरकार बनाने के लिए अपने मुख्य रणनीतिकार प्रशांत किशोर को लालू यादव से मिलने के लिए पांच बार भेजा था।

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यही नहीं लालू से गठबंधन के लिए नीतीश कुमार के निर्देश पर प्रशांत किशोर ने तेजस्वी यादव से कई बार मुलाकात की थी और नीतीश ने बीजेपी से गठबंधन तोड़ने का फैसला दोनों के गठबंधन से मात्र छह महीने बाद ही कर लिया था, नीतिश के विश्वासघात के कारण लालू ने नीतिश के साथ दोबारा जने से मना कर दिया।

वैसे कुछ दिन पूर्व अखबारों में यह चर्चा जोरों पर थी कि प्रशांत किशोर नीतीश कुमार से नाराज़ चल रहे हैं और वे लालू से कई बार मिल चुके हैं।

गठबंधन ने नीतीश का करियर किया खत्म

लोकसभा चुनाव से महागठबंधन की चर्चाओं से पूर्व बीजेपी कांग्रेस पर परिवारवाद गंभीर आरोप लगा रही थी। अतः इन आरोपो से बचने के लिए कई राजनीतिज्ञों ने मोदी को चुनौती देने के लिए साफ छवि वाले नीतीश कुमार को पीएम पद का दावेदार घोषित करने का सुझाव दिया था।

लेकिन बीजेपी के साथ जाने के बाद कई राजनीतिज्ञों ने यह कहा कि नीतीश के साथ गठबंधन कर मोदी ने नीतीश को हाईजैक कर लिया है जिससे उनकी पूर्व वाली छवि अब नहीं रही क्योंकि जेडीयू-बीजेपी शासन के दौरान नीतीश पर ऐसे गंभीर आरोप लगे हैं जिसे नीतीश को भूल पाना मुश्किल होगा।

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