बीजेपी सांसद राजीव चंद्रशेखर के स्वामित्व वाला समाचार चैनल रिपब्लिक टीवी (Republic TV) एक बार फिर चर्चा में है। इस बार चर्चा की वजह चैनल की अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) में भड़काऊ रिपोर्टिंग है।

ख़बर है कि AMU में रिपोर्टिंग के दौरान चैनल की महिला एंकर के साथ छात्रों ने बदसलूकी की। इस ख़बर को देश के बड़े अख़बार दैनिक जागरण ने अपने पोर्टल पर प्रकाशित किया है। अख़बार ने लिखा, “लोकसभा चुनाव से पहले अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) सियासी अखाड़ा बनता जा रहा है”।

आगे लिखा गया, “मंगलवार को मुस्लिम फ्रंट बनाने को लेकर एएमयू में आयोजित बैठक की कवरेज करने आए मीडिया कर्मियों से अभद्रता की गई। एक चैनल की महिला रिपोर्टर से अभद्रता की गई और कैमरा तोड़ दिया गया। इसके अलावा एक हिंदी समाचार पत्र के फोटोग्राफर से कैमरा छीन लिया गया”।

दैनिक जागरण की पूरी ख़बर में इस बात का कहीं भी ज़िक्र नहीं किया गया कि छात्रों ने आख़िर मीडिया कर्मियों के साथ बदसलूकी क्यों की। अख़बार ने भले ही इस क्यों का जवाब नहीं दिया हो, लेकिन सोशल मीडिया पर कई जाने माने पत्रकारों ने मीडियाकर्मियों के साथ हुई बदसलूकी की वजह बताई है।

पत्रकार फरीदून शहरयार ने ट्विटर के ज़रिए बताया कि रिपब्लिक टीवी के रिपोर्टर्स ने एएमयू के छात्रों को आतंकी कहा, जिसकी वजह से यह स्थिति पैदा हुई।

उन्होंने लिखा, “रिपब्लिक टीवी के रिपोर्टर्स ने एएमयू छात्रों पर तंज़ कसते हुए उन्हें आतंकी कहा। यह बहुत स्पष्ट है कि सांप्रदायिक स्थिति बनाने के लिए जानबूझकर इस तरह की कोशिश की जा रही है। यह बहुत आपत्तिजनक है”!

दरअसल, रिपब्लिक टीवी के पत्रकार बीजेपी युवा मोर्चा के उस प्रदर्शन को कवर करने पहुंचे थे, जिसमें वह यूनिवर्सिटी में एआईएमआईएम के सांसद असदुद्दीन ओवैसी के आगमन का विरोध कर रहे थे। बीजेपी युवा मोर्चा के इस प्रदर्शन का यूनिवर्सिटी के छात्र विरोध कर रहे थे।

इसी को लेकर यूनिवर्सिटी के छात्र और बीजेपी युवा मोर्चा के कार्यकर्ता आमने-सामने आ गए। जिसके बाद दोनों के बीच झड़प हुई। बताया जा रहा है कि इस दौरान रिपब्लिक टीवी के पत्रकार इस झड़प को सांप्रदायिक रंग देने में जुटे थे।

छात्र नेता शरजील उस्मानी ने बताया कि चैनल की रिपोर्टर ने अपनी लाइव रिपोर्टिंग के दौरान कहा, ‘हम इस वक्त आतंकियों की यूनिवर्सिटी में खड़े हैं’। इसपर छात्रों ने रिपोर्टर को टोका तो उन्होंने छात्रों को गालियां देनी शुरु कर दी। जिससे छात्रों को ग़ुस्सा आ गया और छात्रों ने पुरुष कैमरामैन को पीटकर कैंपस से बाहर निकाल दिया।

शरजील ने बताया कि  महिला रिपोर्टर के साथ छात्रों ने कुछ नहीं किया। महिला रिपोर्टरों के साथ बदसलूकी का आरोप गलत है। दोनों महिला रिपोर्टरों को सम्मानपूर्वक कैंपस से बाहर निकाल दिया गया।

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