Resolution opposing CAA passed in Keral Assembly
Resolution opposing CAA passed in Keral Assembly

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोशल मीडिया पर नागरिकता संशोधन कानून के लिए समर्थन जुटाने में लगे हुए हैं। उन्हें लगता है सड़कों पर उतरे लोग उनके द्वारा चलाए जा रहे ट्विटर ट्रेंड की वजह से विरोध प्रदर्शन नहीं करेंगे।

खैर, उनके इस फैसले का विरोध सड़क से होकर अब केरल विधानसभा जा पहुंचा है। यहाँ पर मोदी सरकार से CAA को वापस लेने की मांग करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया गया है।

दरअसल, केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन विधानसभा में आज एक प्रस्ताव लेकर आए जिसके मुताबिक CAA संविधान विरोधी है।

उनके हिसाब से ये कानून समिधान में लिखे गए ‘धर्मनिरपेक्षता और समानता के सिद्धांतों’ के खिलाफ है। इसलिए मोदी सरकार को इस कानून को वापस समाप्त कर देना चाहिए।

भाजपा के अकेले विधायक, राजागोपाल, को छोड़कर सभी विपक्षी दलों ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया है।

केरल विधानसभा में पारित किए गए इस प्रस्ताव पर पिनरई विजयन ने ट्वीट कर लिखा, केरल विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया। विधानसभा ने #CitizenshipAmendmentAct को खत्म करने की मांग करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया। विधानसभा के सभी मुख्य विपक्षी दल CAA को वापस लेने की मांग में सरकार के समर्थन में हैं।”

जबसे मोदी सरकार ने नागरिकता कानून को संसद में पास करवाया है, तबसे इसका सड़कों पर जमकर विरोध हो रहा है। इसके खिलाफ बुलंद हो रही विरोध की आवाज़ें अब विधान सभा में भी सुनी जा सकती है।

सरकार द्वारा दी जा रही तमाम दलीलों के बावजूद, सरकार द्वारा कानून के समर्थन में चलाए जा रहे कैंपेन के बावजूद ये आवाज़ें शांत नहीं हो रही हैं. देश के गृह मंत्री क्या इसी शांति की बात कर रहे थे?

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