प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को एक ब्लॉग लिखकर कांग्रेस को वंशवादी पार्टी बताते हुए उसपर निशाना साधा है। पीएम मोदी ने ब्लॉग में लिखा है कि वंशवाद की राजनीति से सबसे अधिक नुकसान संस्थाओं को हुआ है। प्रेस से पार्लियामेंट तक। सोल्जर्स से लेकर फ्री स्पीच तक। कॉन्स्टिट्यूशन से लेकर कोर्ट तक। कुछ भी नहीं छोड़ा।

पीएम मोदी भले ही अपने ब्लॉग के ज़रिए कांग्रेस पर संस्थाओं को नुकसान पहंचाने का आरोप लगा रहे हों, लेकिन संस्थाओं को नुकसान पहंचाने के मामले में उनकी सरकार भी पीछे नहीं दिखी। सरकार के ख़िलाफ़ बोलने वाले कई पत्रकारों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा। आरबीआई बनाम मोदी सरकार के मामले ने भी तूल पकड़ा, सीबीआई दफ्तर की उठापटक ने भी ख़ूब सुर्खियां बटोरीं।

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पीएम मोदी के ब्लॉग पर पत्रकार रोहिणी सिंह ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, ‘मोदी जी, बाक़ी संस्थाओं का पता नहीं लेकिन प्रेस के बारे में ज़रूर बोल सकती हूँ। UPA के टाइम पर सरकार या किसी भी नेता के ख़िलाफ़ लिखने पर फ़ोन नहीं आता था यह कहते हुए कि “आपकी चिंता होती है”। प्रेस को मॉनिटर करने के लिए 200 लोगों की टीम नहीं होती थी। सरकार प्रेस को धमकाती नहीं थी’।

इससे पहले पीएम मोदी ने अपने ब्लॉग में कांग्रेस पर निशाना साधते हुए लिखा, ‘वंशवाद को बढ़ावा देने वाली पार्टियां कभी भी स्वतंत्र और निर्भीक पत्रकारिता के साथ सहज नहीं रही हैं। कोई आश्चर्य नहीं कि कांग्रेस सरकार द्वारा लाया गया सबसे पहला संवैधानिक संशोधन फ्री स्पीच पर रोक लगाने के लिए ही था। फ्री प्रेस की पहचान यही है कि वो सत्ता को सच का आईना दिखाए, लेकिन उसे अश्लील और असभ्य की पहचान देने की कोशिश की गई’।

यूपीए के शासनकाल में भी ऐसा ही देखने को मिला, जब वे एक ऐसा कानून लेकर आए, जिसके मुताबिक अगर आपने कुछ भी ‘अपमानजनक’ पोस्ट कर दिया तो आपको जेल में डाल दिया जाएगा। यूपीए के ताकतवर मंत्रियों के बेटे के खिलाफ एक ट्वीट भी निर्दोष आदमी को जेल में डाल सकता था।

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कुछ दिनों पहले ही देश ने उस डर के साये को भी देखा, जब कुछ युवाओं को कर्नाटक में एक कार्यक्रम के दौरान अपनी भावनाओं को व्यक्त करने की वजह से गिरफ्तार कर लिया गया, जहां कांग्रेस सत्ता में है। लेकिन, मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि किसी भी तरह की धमकी से जमीनी हकीकत नहीं बदलने वाली है। अगर वे जबरदस्ती अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को रोकने का प्रयास करेंगे, तब भी कांग्रेस को लेकर लोगों की धारणा नहीं बदलेगी’।

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