आरबीआई गर्वनर उर्जित पटेल के इस्तीफे पर पी चिदंबरम ने दुःख जताया है। पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने कहा उनके इस्तीफे से वो दुखी है मगर अंचभित नहीं।

उन्होंने कहा कि “डॉक्टर पटेल को 19 नवंबर को ही इस्तीफा दे देना चाहिए था। अच्छा है कि उन्होंने फिर से अपमान सहने की बजाय इस्तीफा देना बेहतर समझा।

उर्जित पटेल के इस्तीफे पर चिदंबरम ने कहा कि किसी आत्मसम्मान वाले और अध्ययन करने वाले के लिए इस सरकार के साथ काम करना मुश्किल है।

गौरतलब हो कि आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल ने अपना इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने निजी कारण बताते हुए अपना इस्तीफा सरकार को भेज दिया।

मगर इसके पीछे की असल वजह सरकार और रिजर्व बैंक के बीच विवाद का मुद्दा है। जिसमें कहा गया था कि मोदी सरकार ने रिजर्व बैंक से करीब 3 लाख करोड़ रुपए मांगें थे जिसे आरबीआई ने मानाने से इनकार कर दिया था।

क्या कहा उर्जित पटेल ने अपने इस्तीफे में?

निजी कारणों से मैं अपने पद से तुरंत इस्तीफा दे रहा हूं। रिजर्व बैंक में कई सालों से अलग-अलग पदों पर रहकर काम करना मेरे लिए बहुत सम्मान की बात है। रिजर्व बैंक के कर्मचारियों, अधिकारियों और मैनेजमेंट का जो साथ मिला उसके लिए आभारी हूं।

सबकी इसी कड़ी मेहनत की वजह से रिजर्व बैंक इतना काम कर पाया। मैं इस मौके पर रिजर्व बैंक बोर्ड के सभी डायरेक्टर और अपने साथियों का शुक्रिया अदा करता हूं। उन्हें भविष्य के लिए शुभकामनाएं।

बता दें कि उर्जित पटेल आरबीआई गवर्नर तब बने थे जब मोदी सरकार ने नोटबंदी का फैसला लिया था। नोटबंदी से ठीक 2 महीने पहले अगस्त, 2016 में उर्जित पटेल को रिजर्व बैंक का गवर्नर बनाने का ऐलान किया गया था। इससे पहले वो डिप्टी गवर्नर थे।

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