गृह मंत्री अमित शाह ने पिछले साल अक्टूबर महीने में कहा था कि “पश्चिम बंगाल के हर जिले में बम बनाने की फैक्ट्रियां हैं”। राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव के ठीक पहले उनके इसी बयान पर सवाल भी उठे।

सामाजिक कार्यकर्ता साकेत गोखले ने तो इसके खिलाफ एक RTI भी दायर की थी। उन्होनें गृह मंत्रालय से जवाब मांगते हुए पूछा था कि क्या अमित शाह के इस बयान पर मंत्रालय से किसी तरह की जानकारी मिली थी।

साकेत गोखले ने पहले कहा था कि मंत्रालय के मुताबिक इन दावों को लेकर उसके पास कोई भी जानकारी नहीं है।

अब मंत्रालय का बयान आया है कि उसका जवाब गोखले द्वारा दर्ज एक दूसरी RTI से जुड़ा हुआ है, जिसमें ‘किसानों के विरोध प्रदर्शनों में खालिस्तानियों की भागीदारी’ के बारे में जानकारी मांगी गई थी।

मंत्रालय का कहना है कि “गोखले ने दुर्भावनापूर्ण इरादे से ट्वीट करते हुए तथ्यों को गलत तरीके से प्रस्तुत किया है।”

इसका जवाब देते हुए साकेत गोखले ने सवाल उठाया कि मंत्रालय “जनवरी 2021 की RTI का जवाब दे सकता है लेकिन उन्होंने अक्टूबर 2020 की RTI का जवाब पेंडिंग रखा है?”

उन्होनें मंत्रालय को चुनौती देते हुए ‘बंगाल में बम कारखानों’ वाले बयान पर 18 अक्टूबर को दायर की गयी RTI पर जवाब भी माँगा है।

दरअसल CNN News18 को 17 अक्टूबर, 2020 को दिए गए इंटरव्यू में गृह मंत्री अमित शाह ने दावा किया था की “पश्चिम बंगाल के हर जिले में बम बनाने की फैक्ट्रियां है”। उन्होनें तब राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की भाजपा नेताओं की मांग को भी सही ठहराया था।

अमित शाह के बयान पर साकेत गोखले ने RTI डालकर गृह मंत्रालय से बम बनाने वाले कारखानों की सूची मांगी थी। इसी के साथ RTI में ये भी पूछा था कि क्या मंत्रालय ने ही शाह को इस सबके बारे में जानकारी दी थी।

गृह मंत्री के बयान की चर्चा इसलिए भी तेज़ है क्योंकि पश्चिम बंगाल में 27 मार्च से लेकर 29 अप्रैल तक विधानसभा चुनाव होंगे। इन्हें 8 चरणों में करवाया जाएगा और वोटों की गिनती 2 मई को होगी। सपा शिवसेना और राजद जैसी पार्टियों ने इस राज्य में चुनाव न लड़कर ममता बनर्जी को समर्थन देने का फैसला किया है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here