केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने संसद के उच्च सदन राज्य सभा में किसान बिल का प्रस्ताव रखा इस दौरान समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और सांसद रामगोपाल यादव ने इस बिल को ‘किसानों का डेथ वारंट’ बताया।
समाजवादी पार्टी सांसद रामगोपाल यादव ने केंद्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर पर तंज कसते हुए कहा, “मेरा मन कह रहा है कि ये बिल आपने बनाया ही नहीं है। कोई किसान का बेटा इस तरह का बिल नहीं बना सकता है।”
रामगोपाल यादव ने नरेंद्र तोमर से आगे कहा, आपने शुरू में कहा था कि इस बिल से किसान मनचाही कीमत पर अपनी फसल बेच सकता है। क्या आप इस बात की गारंटी दे सकते हैं?
रामगोपाल जब राज्य सभा में बोल रहे थे तब सभी सांसद उन्हें सुन रहे थे। उन्होंने कहा कि, “संसदीय लोकतंत्र में क्या ऐसा नहीं होना चाहिए कि देश की 60 फीसदी आबादी से जुड़े बिल को विपक्ष के नजरिए से भी देखना चाहिए। ये भी नहीं कर सकते तो कम से कम अपनी पार्टी से जुड़े संगठनों तो बात कर लेते।”
किसानों से जुड़े इस महत्वपूर्ण और संवेदनशील बिल पर चर्चा के दौरान समाजवादी पार्टी सांसद रामगोपाल यादव ने कहा, “मुझे लगता है कि ऐसी कोई मजबूरी जरूर है कि सत्तारूढ़ दल बिलों पर डिबेट नहीं करना चाहता। उसे बस बिल को पास कराने की जल्दी रहती है।”
वहीं दूसरी तरफ संसद के बाहर सड़क पर ये लड़ाई तेज होती जा रही है। पंजाब हरियाणा सहित किसान बिल का पूरे देश में जबरदस्त विरोध हो रहा है। जगह-जगह बड़े आंदोलन हो रहे हैं। भारतीय किसान यूनियन हरियाणा के नेतृत्व में किसानों ने हरियाणा के मुख्य राष्ट्रीय राजमार्ग जाम कर दिए हैं।
तमाम अन्य किसान संगठनों ने भी आरोप लगाया है कि इस बिल के जरिए मोदी सरकार किसानों को कॉरपोरेट के चंगुल में फंसाना चाहती है। इसी बात को मानते हुए मोदी सरकार में मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने इस्तीफा दे दिया है।