शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को मुंबई क्रूज ड्रग्स मामले में गिरफ्तार करने वाले नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेडे पर महाराष्ट्र सरकार के मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक ने के गंभीर आरोप लगाए हैं। जिनमें से एक है कि समीर वानखेडे मुस्लिम धर्म से ताल्लुक रखते हैं। उन्होंने नौकरी पाने के लिए फर्जी पहचान पत्र का इस्तेमाल किया है।
एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा है कि समीर वानखेडे के मैरिज सर्टिफिकेट के मुताबिक उन्होंने अपनी पहली पत्नी से निकाह किया था। उनके माता-पिता मुसलमान है।
इस मामले में अब समीर वानखेडे का निकाह पढ़वाने वाले काजी मुजम्मिल अहमद का बयान सामने आया है। उन्होंने न्यूज़ चैनल आज तक से बातचीत करने के दौरान बताया है कि महाराष्ट्र सरकार द्वारा सोशल मीडिया पर शेयर किया गया बिल्कुल सही है। उन्होंने ही समीर वानखेड़े का निकाह पढ़ा था। काजी मुजम्मिल अहमद ने बताया कि इस निकाह नामे पर उन्हीं के ही हस्ताक्षर है।
जिस वक्त समीर वानखेडे का निकाह हुआ था। उस वक्त वह उनकी पत्नी और उनका पूरा परिवार मुसलमान थे। अगर ऐसा होता कि समीर वानखेड़े हिंदू हैं। तो निकाह ही कभी नहीं होता। शरीयत में किसी हिंदू का निकाह नहीं हो सकता और काजी शरीयत के खिलाफ निकाह नहीं पढ़ाते।
आज भले ही समीर वानखेड़े खुद को जो मर्जी बताएं। लेकिन जब उनका यह निकाह हुआ था तो उस वक्त वह मुसलमान थे। उनकी पत्नी शबाना मुसलमान थी। काजी मुजम्मिल अहमद द्वारा दावा किया गया है कि उन्होंने साल 2006 में समीर वानखेडे का निकाह पढ़वाया था।
गौरतलब है कि समीर वानखेड़े की दूसरी पत्नी क्रांति रेडकर ने एनसीपी नेता नवाब मलिक द्वारा लगाए गए आरोपों को झूठा बताते हुए कहा था कि मैं और मेरे पति समीर जन्म से ही हिंदू है। हमने कभी भी किसी दूसरे धर्म में धर्मांतरण नहीं किया है। हालांकि हम दोनों सभी धर्मों का सम्मान करते हैं।