लोकसभा चुनाव 2019 के नतीजों से पहले आए एग्जिट पोल्स बीजेपी को 2014 से भी ज्यादा सीटें दे रहे हैं। यूपी में बने सपा-बसपा-आरएलडी को भी इन एग्जिट पोल्स ने नकारते हुए कुछ सीटों पर समेट दिया है। जो राजनीतिक पार्टी जिस राज्य से नहीं लड़ रही, एग्जिट पोल्स ने उस पार्टी को भी एग्जिट पोल में शामिल कर लिया है।

ऐसा ही कुछ आम आदमी पार्टी के साथ हुआ। टाइम्स नाउ ने अपने एग्जिट पोल में हिमाचल प्रदेश में ‘आप’ को 2.9 प्रतिशत वोट की शेयरिंग दी है। जबकि हकीकत ये है कि आम आदमी पार्टी हिमाचल में चुनाव ही नहीं लड़ रही। फिर ‘आप’ की हिमाचल में वोट शेयरिंग कैसे हो सकती है?

इसी एग्जिट पोल को टैग करते हुए आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने ट्वीटर पर लिखा है कि, “अब साफ़ हो गया ये एग्जिट पोल या तो नशे की हालत में बनाया गया है या घर में बैठकर बनाया गया है, या फिर बीजेपी वालों से रिश्वत खाकर बनाया गया है। जहां ‘आप’ लड़ नहीं रही वहां 2.9 % वोट कैसे मिल रहा है? ये क्या मजाक है?

हालाँकि संजय सिंह के ट्वीट के बाद टाइम्स नाउ ने ये एग्जिट पोल वह ट्वीट डिलीट कर दिया है। लेकिन बीजेपी के पक्ष में आए इन एग्जिट पोल्स की पोल ज़रूर खुल गई है। क्योंकि एग्जिट पोल्स ने विपक्ष के बेरोजगारी, नोटबंदी, जीएसटी, स्मार्ट सिटी, राफेल जैसे एक भी मुद्दे को ज़मीन पर कारगर नहीं बताया है।

एग्जिट पोल्स अनुसार ज़मीन पर अगर कोई मुद्दा कारगर रहा है तो वो बीजेपी का राष्ट्रवाद और एयर स्ट्राइक रहा है। ये अपने आप में विश्वाश करने योग्य नहीं है। ये भी सत्य है कि ज़मीन पर युवा बेरोजगारी और किसान कर्ज और फसल का उचित दाम मिलने से मोदी सरकार से नाराज हैं। लेकिन एग्जिट पोल्स ने युवा, किसान सभी को दरकिनार कर दिया है!

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