बिलकीस बानो गैंगरेप और हत्या के दोषियों की रिहाई पर शबाना आज़मी ने कहाकि ‘’हम अपने ही देश में किसी के सामने अपना सिर नहीं उठा सकते हैं.’’

देश के लोगों से सवाल करते हुए शबाना ने पूछा कि ‘’निर्भया के लिए एकजुट होने वाले लोग अब एकसाथ क्यों नहीं हो रहे हैं.’’

बिलकीस बानो केस के दोषियों की रिहाई के खिलाफ़ दिल्ली के जंतर मंतर समेत देश के तमाम शहरों में प्रदर्शन हुए.

शबाना आज़मी जंतर मंतर पर हुए विरोध प्रदर्शन में शामिल हुईं. शबाना आज़मी जब बिलकीस के बारे में बात कर रहीं थीं तब उनकी आंखे छलक आईं. मीडिया से बात करते हुए वो बेहद भावुक हो गईं.

गुजरात सरकार के फ़ैसले के विरोध में दिल्ली के अलावा बेंगलुरु के फ्रीडम पार्क और मुंबई में भी विरोध प्रदर्शन हुआ जिसमें भारी संख्या में छात्रों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया.

शबाना आज़मी ने गुजरात सरकार को भी इस फ़ैसले के लिए आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा- “गुजरात सरकार का कहना है कि दोषियों को 1992 के कानून के तहत रिहा किया गया जबकि इसी साल होम मिनिस्ट्री ने कहा था कि किसी भी रेपिस्ट की रिहाई नहीं होगी. यह कैसे हुआ, क्या बिना केंद्र के निर्देश के गुजरात सरकार ऐसा कदम उठा सकती है.

औरत होने के नाते हम सबका फ़र्ज़ है कि हम बड़ी से बड़ी भीड़ इकट्ठा करें और हम ये बता दें कि इस तरह का ज़ुल्म बर्दाश्त नहीं करेंगे.

बिलकीस बानो, उसके परिवार के साथ जो हुआ उसके बाद हम अपने हिंदुस्तान को ये करते हुए नहीं देख सकते हैं,इसलिए हम सब मिलकर आवाज़ उठाएंगे”

शबाना आज़मी ने गोधरा से बीजेपी विधायक सी के राउलजी को बीजेपी से निकालने की भी मांग की. राउलजी के बयान पर शबाना ने कहाकि “उल्टी आती है, ये संस्कारी लोग हैं ?

सत्ताधारी व्यवस्था के सदस्य अगर ऐसा कह रहे हैं तो हमारे पास क्या उम्मीदें हैं? होना तो यह चाहिए कि जिसने ऐसा कहा है,उनको फौरन पार्टी से निकाल देना चाहिए”.

11 दोषियों की रिहाई के लिए सिफारिश करने वाली समिति के सदस्य गोधरा से बीजेपी विधायक सी के राउलजी ने कहा था कि रेपिस्ट अच्छे संस्कार वाले ब्राम्हण परिवारों से हैं.

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