दक्षिणपंथी संगठन हिंदू सेना आज दिल्ली में महारानी विक्टोरिया की 118वीं पुण्यतिथि मना रही है। इसपर जेएनयू की पूर्व छात्रसंघ उपाध्यक्ष शहला राशिद ने प्रतिक्रिया देते हुए पूछा कि क्या यह देशद्रोह नहीं है।
उन्होंने ट्विटर के ज़रिए कहा, “डियर दिल्ली पुलिस क्या इसपर IPC की धारा 124A के अंतर्गत वारंट जारी होता है? हिंदू सेना सच में भारत पर ब्रिटिश आधिपत्य का जश्न मना रही है”।
Dear @DelhiPolice does this warrant action u/s 124A IPC? Hindu Sena is literally celebrating British occupation of India. #Sedition https://t.co/ETBQXaDRkx
— Shehla Rashid شہلا رشید (@Shehla_Rashid) January 22, 2019
बता दें कि रानी विक्टोरिया की 118वीं पुण्यतिथि के मौके पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए हिंदू सेना ने 22 जनवरी को दिल्ली के जंतर मंतर पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया है। इसके कार्यक्रम के लिए हिंदू सेना ने एक आमंत्रण भी छापा है, जिसकी शुरुआत “महारानी विक्टोरिया अमर रहें” से की गई है।
इस आमंत्रण में अंग्रेज़ों को आज़ादी दिलाने वाला बताते हुए लिखा गया है, “अंग्रेज़ों ने 1857 में विदेशी इस्लामिक आक्रमणकारियों/आतंकवादियों से भारत को आज़ादी दिलाने में मदद की और यह सही मायनों में भारत की पहली आज़ादी थी”।
महारानी विक्टोरिया की शान में तारीफों के पुल बांधते हुए आगे लिखा गया, “महारानी विक्टोरिया के गतिशील नेतृत्व में अंग्रेज़ों ने सैकड़ों देशी रियासतों को एक किया और एक कानून के तहत एक देश बन गया”।
देश में पहली बार इस तरह के किसी कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें भारत को ग़ुलाम बनाने वाले शासक को एक महानायक के रुप में पेश किया जा रहा है। 1857 की क्रांति के दौरान महारानी विक्टोरिया के नेतृत्व में अंग्रेज़ी सेना ने भारतियों पर जमकर ज़ुल्म ढ़ाए थे।
हिंदू सेना उसी महारानी विक्टोरिया की पुण्यतिथी मना रही है, जिसे ख़ुश करने के लिए अंग्रेजों ने भारत माता के लाल हवलदार आलम बेग को तोप से उड़ा दिया था। आलम बेग क्रांति के दौरान 46 रेजीमेंट बंगाल नॉर्थ इंफ्रेंट्री बटालियन का नेतृत्व कर रहे थे। इस बटालियन ने अंग्रेज़ी हुकूमत को चुनौती दी थी।
हैरानी की बात तो यह है कि हिंदू सेना भारत को आज़ाद मुग़ल शासन के ख़त्म होने को मानती है न कि अंग्रेज़ों से मिली आज़ादी को। इसीलिए हिंदू सेना के मुताबिक भारत 1947 में नहीं बल्कि 1857 में आज़ाद हुआ।