sanjay raut
Sanjay Raut

देश कोरोना वायरस जैसी महामारी से जूझ रहा है। ऐसे संकट के समय में भी बीजेपी के कुछ नेता नफ़रत की राजनीति करने ने बाज़ नहीं आ रहे। बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने मुंबई के बांद्रा में लॉकडाउन -2 की घोषणा के बाद इकठ्ठा हुई भीड़ के मामले को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की है।

उन्होंने मामले पर भड़काऊ ट्वीट कर लिखा, “जो मुंबई में हो रहा है, हजारों लोग एक साथ एक जगह, यह बिना प्लानिंग के असंभव है। जैसे दिल्ली में बसों में भीड़ भेजी गई, मुंबई में भी वैसी ही साजिश है। ट्रेनें बंद हैं तो भीड़ स्टेशन पर कैसे आई? क्या मास मैसेजिंग हुई? कुछ लोग देश के खिलाफ बहुत गंदी साजिश कर रहे हैं”।

बता दें कि बीते कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लॉकडाउन बढ़ाए जाने की घोषणा किए जाने बाद मुंबई के बांद्रा में बड़ी तादाद में प्रवासी मजदूर इकट्ठा हो गए थे। भूखे मारने के डर से ये लोग अपने अपने घर वापस जाना चाहते थे। ये नज़ारा दिल्ली के आंनद विहार बस अड्डे जैसा ही था।

जहां पहले ही लॉकडाउन की घोषणा के बाद प्रवासी मज़दूर अपने अपने घर वापस जाने के लिए बड़ी तादाद में इकठ्ठा हुए थे। लेकिन मुंबई के नज़ारे में फर्क बस इतना था कि वहां एक मस्जिद भी स्क्रीन के फ्रेम में आ रही थी। बस फिर क्या था, नफ़रत की दुकान चलाने वाले कपिल मिश्रा के लिए ये नज़ारा किसी ऑक्सीजन से कम नहीं था। उन्होंने फौरन ही मामले में मस्जिद की भूमिका को कटघरे में खड़ा कर दिया।

उन्होंने बिना किसी सबूत के इसे मस्जिद द्वारा कि गई देश के खिलाफ साज़िश तक बता डाला। संकट के समय में कपिल मिश्रा द्वारा की गई इस शर्मनाक हरकत की जमकर आलोचना हो रही है। लोग कपिल मिश्रा को देश में नफ़रत फैलाने के लिए गिरफ़्तार किए जाने कि मांग कर रहे हैं।

शिवसेना नेता संजय राउत ने भी मुंबई पुलिस से अपील की है की कपिल मिश्रा के ख़िलाफ़ इस मामले में एफआईआर दर्ज की जाए। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, “कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में हम सभी को एकजुट होना चाहिए। लेकिन कपिल मिश्रा जैसे लोग पीएम की बात भी नहीं सुन रहे हैं और बांद्रा में हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना को सांप्रदायिक रंग दे रहे हैं। मुंबई पुलिस को ऐसे तत्वों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करनी चाहिए।”

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