Vikas Dubey
Vikas Dubey

कानपुर में 8 पुलिसवालों की हत्या करने वाले विकास दुबे के अपराधिक रिकॉर्ड को देखते हुए कानून व्यवस्था पर लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं। एक कुख्यात अपराधी को मिल रहे राजनीतिक संरक्षण को मुद्दा बनाते हुए न सिर्फ विपक्ष के तमाम नेता बल्कि आम लोग भी सोशल मीडिया पर लिख रहे हैं।

इसी कड़ी में फेसबुक पर मुरारी त्रिपाठी लिखते हैं-

मुझे आश्चर्य है कि विकास दुबे जी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री या इस देश के प्रधानमंत्री नहीं बन पाए, जबकि उनके अंदर इन पदों पर विराजमान होने के लिए सारे गुण मौजूद हैं. हालांकि, एक बार उन्होंने जेल में बंद रहते हुए शिवराजपुर नगर पंचायत चुनाव जीता था और अपनी विलक्षण प्रतिभा का परिचय दिया था.

विकास दुबे जी ने शिवली, चौबेपुर, घाटमपुर, बिल्हौर, बिठूर और रनियां में ढेर सारा अवैध जमीन कब्जा कर रखी है. कानपुर में डॉन के नाम से जाने जाते हैं.

2001 में उन्होंने उत्तर प्रदेश की राजनाथ सरकार के एक मंत्री को थाने में घुसकर गोली मार दी. मंत्री जी की मौके पर मौत हो गई. विकास दुबे जी ने ऐेसे तमाम मर्डर केवल जेल के अंदर रहते हुए अंजाम दिए. बाहर होते हुए जो आतंक मचाया उसकी कोई सीमा नहीं.

विकास दुबे जी के नाम 60 से ज्यादा मामले दर्ज हैं. बहुत सारे तो दर्ज ही नहीं कराए गए. किसी की हिम्मत ही नहीं है.

इसके बाद भी आश्चर्य है कि वे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री या देश के प्रधानमंत्री नहीं बन पाए.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here