तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने पिछले हफ़्ते लोकसभा में भाजपा सरकार को निशाने पर लेते हुए एक भाषण दिया था. वो भाषण था भारत में फासीवाद के शुरुआती 7 संकेतों के बारे में. लेकिन इसी भाषण को लेकर उनपर साहित्यिक चोरी के आरोप भी लगाए गए थे जो अब झूठे साबित हो गए हैं.

ज़ी न्यूज़ के एंकर सुधीर चौधरी ने कहा था कि महुआ ने अमरीकी लेखक मार्टिन लोगनमन के काम की चोरी की है. लोंगमेन ने 2017 में ‘फासीवाद के शुरुआती 12 संकेतों’ के बारे में लिखा था.

अब मार्टिन खुद महुआ के समर्थन में बोल रहे हैं कि महुआ ने उनके काम की चोरी नहीं की है. उन्होनें ट्वीट किया, “मैं भारत के इंटरनेट (सोशल मीडिया) पर प्रसिद्ध हूँ क्यूंकि एक नेता पर झूठा आरोप लगाया गया है कि उसने मेरे काम की साहित्यिक चोरी की है. ये थोड़ा मज़ाकिया है लेकिन दक्षिणपंथी हर देश में एक जैसे ही होते हैं.”

लोकसभा सांसद महुआ मोइत्रा मीडिया को उनके खिलाफ फेक न्यूज़ फैलाने के लिए डांट लगाई. उनका कहना है कि जब उन्होनें पहले ही संसद में अपने भाषण के लिए इस्तेमाल किए गए सोर्स का ज़िक्र किया था तो उनपर ऐसे इलज़ाम क्यों लगाए गए. उन्होनें इशारों में कहा की भाजपा के नेताओं के न्यूज़ चैनल उनके खिलाफ काम कर रहे हैं.

दरअसल अपने भाषण के अंत में महुआ ने लोकसभा में कहा भी था कि उनके भाषण के लिए उन्होनें होलोकॉस्ट म्यूजियम में 2017 में लगे एक पोस्टर से प्रेरणा ली थी. उस पोस्टर में फासीवाद के 14 प्रारंभिक संकेतों के बारे में लिखा था.

महुआ का कहना है कि जब उन्होनें पहले ही अपने भाषण के स्रोत्र के बारे में बोला था तो फिर चोरी कैसी? आखिर ज़ी न्यूज़ के एंकर सुधीर चौधरी पूरी बात समझे बिना उनपर गलत आरोप क्यों लगा रहे हैं? क्या वो ऐसा इसलिए कर रहे हैं क्यूंकि महुआ ने भाजपा सरकार के फासीवादी होने की बात कही है?

मार्टिन लोंगमेन के ट्वीट के बाद ये साफ़ हो गया है कि गोदी मीडिया के पत्रकार और उनके कुछ समर्थकों ने महुआ के खिलाफ फेक न्यूज़ फैलाई है. महुआ को गलत साबित करने की जल्दबाज़ी में सुधीर चौधरी खुद गलती कर गए. क्या वो इसके लिए माफ़ी मांगेंगे या फिर बिना किसी गिल्ट के इस तरह फेक न्यूज़ फैलाते रहेंगे?

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