उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बार फिर ‘नफरती’ बोल बोले हैं। मेरठ में योगी ने के रैली के दौरान जनता के अंदर नफ़रत भरते हुए अली-बजरंगबली राग अलापते हुए कहा कि, “कांग्रेस-एसपी-बीएसपी महागठबंधन को ‘अली’ पर विश्वास है, तो हमें ‘बजरंगबली’ पर विश्वास है।” दूसरे दल के नेता ये मान चुके हैं कि बजरंगबली के अनुयायी उन्हें वोट नहीं देंगे।
योगी सीधे-सीधे हिन्दुओं के अंदर विपक्ष के लिए नफ़रत भरकर वोट मांग रहे हैं और अपील कर रहे हैं कि आप वोट सिर्फ भाजपा को ही करें। लेकिन चुनाव आयोग योगी के बयान पर संज्ञान नहीं ले रहा। जबकि बसपा सुप्रीमो मायावती की सहारनपुर रैली में एक समुदाय का नाम ले-लेने भर से ही उनसे जवाब मांग लिया था! चुनाव आयोग की भूमिका यहाँ संदिग्ध लगती है।
कर्नाटक के बाद अब UP में योगी ने अली-बजरंगबली का राग अलापा, यहां भी हारने वाली है BJP?
समाजवादी पार्टी के नेता सुनील सिंह यादव ने भाजपा नेता योगी को इस बयान पर लताड़ लगाई है। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा है कि, “हमारे अली भी हैं और बजरंगबली भी। राम भी और रहीम भी हैं। लेकिन जिनके लिए धर्म आस्था नहीं धंधा है वो कभी नहीं समझ पाएंगे। जिसने हनुमान जी की जाति खोज ली हो तो ऐसे ढोंगी से सच, न्याय और सद्भाव की उम्मीद करना बेईमानी है।”
हमारे अली भी हैं और बजरंगबली भी। राम भी और रहीम भी। लेक़िन जिनके लिये धर्म आस्था नहीं धंधा है वो कभी नहीं समझ पाएंगे। जिसने हनुमानजी की जाति खोज ली हो तो ऐसे ढोंगी से सत्य, न्याय और समभाव की उम्मीद करना बेमानी है! @yadavakhilesh
— Sunil Singh Yadav (@sunilyadv_unnao) April 10, 2019
टीवी में भले ही आपको एक पक्ष और एक सामान खबरें दिखाई दे रही हों लेकिन हकीकत यह है कि आम लोगों के लिए ‘रोजगार’ बड़ा मुद्दा बन चुका है। जमीन पर लोग इसके बारे में बात कर रहे हैं। विपक्षी नेता मोदी सरकार के सालाना ‘दो करोड़’ रोजगार देने के वाले वादे पर मोदी और भाजपा को घेर रहे हैं।
मोदी सरकार अपने किए वादों को करने में विफल रही है। ये सरकारी आकड़ों से दिखाई भी देता है। ऐसे में भाजपा नेता नरेन्द्र मोदी और योगी आदित्यनाथ जिनको फायरब्रांड नेता के तौर पर जाना जाता है वो अपनी चिरपरिचित हिंदुत्व छवि को इस्तेमाल करके और उसकी राजनीति से अपने अधूरे कामों को छुपाने की कोशिश कर रहे हैं।
मगर योगी द्वारा भारतीय सेना को ‘मोदी जी की सेना’ बता देना फिर इसपर चुनाव आयोग योगी को चेतावनी देकर छोड़ देता है। अब फिर उन्ही योगी द्वारा हिन्दू-मुस्लिम करके जनता को भड़काना! योगी जोकि एक संवैधानिक पद ‘मुख्यमंत्री’ के पद पर बैठे हैं। उनपर देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश की 22 करोड़ जनता की जिम्मेदारी है। इसपर आयोग चुप है!