बीजेपी के साथ आते ही अजित पवार क्लीन हो गए हैं। उनपर चल रहे ‘सिंचाई घोटाले’ के 9 मामलों को बंद कर दिया गया है, अब उनके खिलाफ एजेंसियाँ जाँच नहीं करेंगी। बीते सालों में देखने को मिला है कि बड़े-बड़े भ्रष्टाचारी नेता बीजेपी में आने के बाद पाक-साफ़ हो गए हैं।
जब एनसीपी के बागी नेता अजित पवार ने बीजेपी को समर्थन देकर महाराष्ट्र में दोबारा देवेंद्र फडणवीस सरकार बनवाई, तभी ऐसे दावे किए गए कि उन्होंने ये समर्थन ख़ुद को भ्रष्टाचार के आरोपों से मुक्त होने के लिए दिया है। अब ये दावे सही साबित हो गए हैं।
अजित पवार को 70,000 करोड़ के घोटाले में मिली राहत, राजदीप बोले- गोलमाल है भई सब गोलमाल है!
राष्ट्रीय जनता दल के नेता तनवीर हसन ने इस मामले को लालू प्रसाद यादव से जोड़ा है। जेल में बंद राजद सुप्रीमो को लेकर उन्होंने कहा, अगर आज राजद बीजेपी से मिल जाए तो कल लालू जेल से बाहर आ जाएंगे। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा है कि, “अगर आज भाजपा से मिल जाये राजद तो कल सुबह होने से पहले लालू जी जो जमानत होगी। अब ये बात सौ फीसदी सच है जनता सब समझ रही है।”
अगर आज भाजपा से मिल जाये राजद तो कल सुबह होने से पहले लालू जी को जमानत होगी.. अब ये बात सौ फीसद सच है जनता सब समझ रही है… #सामाजिक_न्याय_का_युद्धबंदी
— Dr Tanweer Hassan (@DrTanweerHassan) November 25, 2019
गौरतलब है कि, सरकार बनने के 48 घंटों के भीतर ही उन्हें 70,000 करोड़ रुपए के सिंचाई घोटाले में क्लीनचिट मिल गई है। उन्हें ये क्लीनचिट महाराष्ट्र भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो (ACB) ने दी है। बता दें कि इससे पहले नवंबर 2018 में इसी ACB ने अजित पवार को 70,000 करोड़ रुपए के सिंचाई घोटाले में ज़िम्मेदार ठहराया था।
ACB ने बंबई उच्च न्यायालय को बताया था कि करोड़ों रुपए के कथित सिंचाई घोटाला मामले में उसकी जांच में राज्य के पूर्व उप मुख्यमंत्री अजित पवार तथा अन्य सरकारी अधिकारियों की ओर से भारी चूक की बात सामने आई है।
बता दें कि, बंगाल के नेता मुकुल रॉय पर शारदा चिटफंड घोटाले में जाँच चल रही थी लेकिन उन्होंने बीजेपी जॉइन कर ली। मुकुल रॉय पर चले रहे सभी मामले बंद किया जा चुके हैं।