बीजेपी ‘मैं भी चौकीदार’ का ट्रेंड चला रही है। पीएम मोदी समेत तमाम मंत्रियों ने अपने नाम के आगे चौकीदार तो लगा लिया है। लेकिन शायद इन चौकीदारों ने अपने कार्यकाल में मुस्तैदी से काम नहीं किया है। अगर किया होता तो आज नाम के आगे चौकीदार लगाकर बताना नहीं पड़ता की वो चौकीदार हैं।

पिछले चार सालों में देश को लूटने के बाद चुनाव के वक्त इन चौकीदारों को याद आया है कि चौकीदारी भी करनी है। सिविल एविएशन मंत्री सुरेश प्रभु ने ट्विटर पर अपने नाम के साथ चौकीदार शब्द जोड़ लिया। लेकिन एयर इंडिया के कर्मचारियों को सैलरी देना भूल गए।

हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड ने अपने कर्मचारियों की सैलरी देने के लिए 1000 करोड़ रूपए उधारी ली। ऐसा पहली बार हुआ है। दो महीने से लगातार एयर इंडिया के 20000 कर्मचारियों को उनकी सैलरी नहीं मिली है। एयर इंडिया यूनियन का कहना है कि सैलरी मिलने मे देरी के कारण वे लोन नहीं चुका पा रहे।

बता दें एयर इंडिया सालों से घाटे मे चल रही है। 2018 वित्तीय वर्ष मे एयर इंडिया को 5337 करोड़ रूपए का नुकसान हुआ है। बावजूद इसके चौकीदारी सुरेश प्रभु ने कोई समाधान नहीं ढूंढ पाए।

‘चौकीदार’ को उर्दू का शब्द बताकर इसका विरोध करने वाले CM योगी ने भी ख़ुद को बताया चौकीदार

मनोज सिन्हा IIT से पढ़कर चौकीदार बन चुके हैं। चौकीदार सिन्हा संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय मंत्री हैं। भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) बीएसएनएल सबसे खराब वित्तीय हालात से गुजर रहा है। 19 साल में पहली बार हाल ही में कंपनी अपने कर्मचारियों का वेतन भुगतान करने में विफल रही है।

डिपार्टमेंट ऑफ़ एटॉमिक एनर्जी के अंतर्गत टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ़ फंडामेंटल रिसर्च (टीआईएफआर) के पास फण्ड नहीं हैं। टीआईएफआर ने अपने कर्मचारियों को फरवरी माह की आधी सैलरी दी है। आश्चर्य की बात ये है कि डिपार्टमेंट ऑफ़ एटॉमिक एनर्जी भारत सरकार की निगरानी में है। इसका नेतृत्व देश के सबसे बड़े चौकीदार, पीएम नरेंद्र मोदी करते हैं। बावजूद इसके फण्ड चोरी हो गए हैं।

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